हिसार के करीब 24 साल पुराने पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया परिवार हत्याकांड में अंतरिम जमानत मिलने के बाद संजीव कुमार की मां और चाचा ने शुक्रवार को हिसार के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव कुमार की अदालत में जमानतनामा (बेल बॉन्ड) जमा करा दिया, जिसके बाद संजीव कुमार के रिलीज ऑर्डर जेल प्रशासन को मेल से भेज दिए गए। सोनिया के बेल बॉन्ड शुक्रवार को जमा नहीं हो सके और संभवतः सोमवार को जमा किए जाएंगे।
हालांकि संजीव कुमार शुक्रवार को रिहा नहीं हो पाया क्योंकि उत्तर प्रदेश के बिलासपुर में पैरोल जंप के एक मामले में उसके बेल बॉन्ड दाखिल नहीं हो सके।
रेलू राम परिवार हत्याकांड में बेल बॉन्ड
संजीव की पैरवी करने वाले एडवोकेट आर.एस. खटाना ने बताया कि संजीव की ओर से उसकी मां, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की निवासी राजबिरी देवी, और चाचा राजेंद्र ने एक-एक लाख रुपये के बेल बॉन्ड अदालत में जमा कराए। इसके बाद अदालत ने संजीव को रिहा करने के आदेश जारी कर दिए।
उन्होंने बताया कि बिलासपुर (उ.प्र.) में पैरोल जंप के दर्ज मामले में रिलीज ऑर्डर अब तक जारी नहीं हुए हैं, जिसके कारण संजीव की रिहाई में कुछ दिन और लग सकते हैं। इसी प्रकार जेल में सुरंग बनाने के प्रयास से जुड़े मामले में भी रिलीज ऑर्डर जारी हुए हैं या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि हिसार अदालत में शीघ्र ही सोनिया के बेल बॉन्ड दाखिल कर उसके रिलीज ऑर्डर भी जारी करवाए जाएंगे।
मामले के अनुसार, 23 अगस्त 2001 की रात हिसार के लितानी गांव स्थित फार्महाउस में पूर्व विधायक रेलू राम पूनिया, उनकी पत्नी, बेटा-बहू, बेटी, पोता-पोती और एक बच्चे सहित कुल 8 लोगों की लोहे की रॉड और डंडों से सोते समय हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में हिसार अदालत ने पूर्व विधायक की बेटी सोनिया और दामाद संजीव को फांसी की सजा सुनाई थी। राष्ट्रपति ने भी उनकी दया याचिका खारिज कर दी थी। बाद में 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका निपटाने में देरी को आधार मानकर सजा को उम्रकैद में बदल दिया।
दोनों ने अब प्रीमेच्योर रिहाई की आवेदन दायर की, जिसे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने स्वीकार करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी। हालांकि प्रीमेच्योर रिहाई पर अंतिम फैसला अभी लंबित है।

