जीएसटी दरों में कमी से देश की अर्थव्यवस्था को मिलेगी तेजी : धर्मबीर सिंह
इसके उपरांत पत्रकारों से बातचीत में सांसद ने जीएसटी दरों को कम करने के फायदे भी गिनवाए। सांसद ने कहा कि वर्ष 2017 में जीएसटी की शुरुआत की गई थी, इससे 18 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स जीएसटी के दायरे में लाया गया था तथा एक देश-एक टैक्स के नारे के साथ अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए यह जीएसटी की टैक्स व्यवस्था शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि देश में आजादी के बाद से केंद्र व प्रदेश स्तर पर अनेक टैक्स थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहसिक कदम उठाते हुए जीएसटी लागू कर टैक्स का सरलीकरण किया है। पहले अनेक तरह के टैक्स का जो पैसा चंद लोगों की जेब में जाता था, वो जीएसटी लागू होने के बाद सरकारी खजाने में चार गुणा तक बढ़कर आया है।
सांसद ने कहा कि बिचौलिया प्रणाली को प्रधानमंत्री मोदी ने खत्म किया है। इससे देश का विकास हुआ, किसान के खाते में पैसा गया, लोगों को पेंशन मिली और 80 करोड़ लोगों को अनाज मिल रहा है। सरकार ने जिन रोजमर्रा की वस्तुओं पर 28 प्रतिशत टैक्स था, उसे 18 किया है तथा जिन पर 12 प्रतिशत टैक्स था, उन पर 5 प्रतिशत करने का कार्य किया है। सिर्फ लग्जरी व विलासिता की वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाकर 40 प्रतिशत किया गया है। उन्होंने आमजन से अपील की कि नई टैक्सेशन प्रणाली को लेकर सरकार की आर्थिक नीतियों को समझते हुए इन्हें अमल में लाने में सहयोग करें।
इस मौके पर पत्रकारों द्वारा जीएसटी दरों को कम करने को लेकर ट्रंप सरकार द्वारा लगाए गए 100 प्रतिशत टैरिफ के सवाल पर उन्होंने कहा कि जीएसटी की शुरुआत 2017 से पहले की गई थी, ऐसे में यह एक नियमित सुधार है। इससे अमेरिका की नीतियों का कोई लेना-देना नहीं है। वहीं पत्रकारों द्वारा हरियाणा प्रदेश में पंजाब व हिमाचल की तर्ज पर केंद्र द्वारा बाढ़ राहत पैकेज के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हरियाणा की स्थिति हिमाचल प्रदेश व पंजाब से बेहतर है। हालांकि जितना भी नुकसान हुआ है, उसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है तथा हरियाणा का जो भी शेयर बनता है, वह उसे मिलेगा। इस अवसर पर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन प्रधान शालू जैन, धर्मबीर नेहरा, व्यापार मंडल के प्रधान भानु प्रकाश, उद्योगपति धर्मेश शाह, अधिवक्ता अविनाश सरदाना व एनडी गुप्ता, जिला बार एसोसिएशन के प्रधान संदीप तंवर, मीनू अग्रवाल, दीपक अग्रवाल तौला, विनोद चावला, सुभाष जिंदल, मीना परमार आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।