आयुष्मान भारत ऐप पर रजिस्ट्रेशन के आदेश पर सवाल
अखिल भारतीय राज्य सरकारी पेंशनर्स फेडरेशन से संबंधित रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने हरियाणा सरकार के कोष एवं लेखा विभाग द्वारा 14 जुलाई 2025 को जारी आदेश पर गहरी आपत्ति जताई है जिसमें सभी नियमित कर्मचारी, पेंशनर्स एवं उनके परिवारजनों को 31 जुलाई तक आयुष्मान भारत मोबाइल ऐप पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। रिटायर्ड कर्मचारी संघ ने कर्मचारी एवं पेंशनर्स से बातचीत किए बिना एकतरफा तरीके से पत्र जारी करने की भी आलोचना की और 31 जुलाई से पहले संघ के शिष्टमंडल को बातचीत करने के लिए आमंत्रित करने की मांग की ताकि कर्मचारियों एवं पेंशनर्स में उत्पन्न हुई अनिश्चितता एवं बेचैनी दूर हो सकें।
रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष वजीर सिंह, महासचिव रतन कुमार जिंदल व मुख्य सलाहकार सुभाष लांबा ने इस आदेश की वैधता व उद्देश्य पर सवाल उठाते हुए महानिदेशक, कोष एवं लेखा विभाग, हरियाणा को एक पत्र भेजकर तत्काल कुछ बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा ने डीजी को लिखे पत्र के माध्यम से उठाए गए प्रमुख प्रश्न इस प्रकार हैं, क्या आयुष्मान भारत कार्ड की अधिकतम सीमा केवल 5 लाख है, वर्तमान में कर्मचारियों व पेंशनर्स को बिना किसी सीमा के मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा प्राप्त है, तो फिर सीमित सुविधा वाले कार्ड की आवश्यकता क्यों, सभी कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को ऐप पर पंजीकरण करवाने के पीछे उद्देश्य क्या है, क्या यह आदेश सरकार का है या विभाग का आंतरिक निर्णय, कई पैनल अस्पताल आयुष्मान कार्ड को नहीं मानते और कई इलाज इसके तहत शामिल नहीं होते, जैसे आंखों का ऑपरेशन आदि, तो ऐसी स्थिति में इस योजना का क्या लाभ, आयुष्मान भारत कार्ड 70 साल आयु में बन सकते हैं, लेकिन अधिकांश कर्मचारी और पेंशनरों की आयु 70 से कम है। इस स्थिति में क्या होगा, आयुष्मान भारत कार्ड में इलाज की अधिकतम सीमा क्रास करने के बाद खर्च होने वाली राशि का भुगतान कौन करेंगे। रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के सलाहकार सुभाष लांबा ने मांग की है कि उक्त आदेश के पीछे की मंशा को स्पष्ट किया जाए और तब तक पंजीकरण की बाध्यता को तुरंत रोका जाए। इसके अतिरिक्त प्रतिनिधिमंडल से चर्चा का समय भी जल्द तय किया जाए। रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान वजीर सिंह ने स्पष्ट किया कि कर्मचारी एवं पेंशनर्स के हितों से जुड़ा कोई भी निर्णय बिना वार्ता और स्पष्ट जानकारी के थोपना अस्वीकार्य है। उन्होंने बताया कि अगर सरकार ने संघ के पत्र को गंभीरता से नहीं लिया तो रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा आंदोलन करने पर मजबूर होगा।