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छात्र फंड के 50 करोड़ के निवेश पर सवाल

मुरथल विश्वविद्यालय फिर विवादों में, जांच के लिए प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
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दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी), मुरथल में वित्त प्रबंधन को लेकर एक बार फिर विवाद घिर गया है। विश्वविद्यालय के ही एक छात्र संदीप ने विश्वविद्यालय प्रशासन और वित्त नियंत्रक शाखा पर ब्याज दरों में अनियमितता और फंड के गलत तरीके से निवेश के गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्र ने अपनी शिकायत सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। संदीप ने रजिस्टर्ड पत्र से भेजी शिकायत में दावा किया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने 50 करोड़ रुपये की एफडी 7.20 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर कराई, जबकि उसी बैंक ने 7.94 प्रतिशत और एक अन्य बैंक ने 7.95 प्रतिशत की दर का प्रस्ताव दिया था। इससे करीब 74 से 75 लाख रुपये का सीधा नुकसान हुआ है। छात्र के अनुसार एफडी की तारीखों में भी अनियमितता है। एफडी की एंट्री 9 जून की है, लेकिन इसे लागू 28 मार्च से दिखाया गया है, जिसने इस प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्र का आरोप है कि उनकी शिकायत पर प्रदेश सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई न किए जाने पर उन्हें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा।

सेविंग अकाउंट में करोड़ों रुपए रखने पर भी सवाल

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संदीप ने शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि 50 करोड़ रुपये की अनियमितता छिपाने के प्रयास में विश्वविद्यालय के 33 करोड़ रुपये मार्च से सेविंग बैंक खाते में रखे हुए हैं, जिस पर केवल 2.50 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है, जबकि 7.95 प्रतिशत की एफडी का प्रस्ताव उपलब्ध था। उन्होंने कहा कि इससे सरकार को 1.05 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होने का दावा किया गया है।

डीसीआरयूएसटी के चीफ ऑफ अकाउंट  संजय कालीरमन  ने कहा कि छात्र द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन पर लगाए आरोप बेबुनियाद हैं। एफडी से संबंधित फाइल प्रक्रिया में है। अनियमितताओं जैसा कुछ भी नहीं है।

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