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महा स्टेज पर रही पंजाबी गीतों की धूम

अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेला
सूरजकुंड शिल्प मेले की सांस्कृतिक संध्या पर केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को स्मृति चिन्ह भेंट करते एमडी डाॅ. सुनील कुमार, साथ हैं पंजाबी गायक गुरताज। -हप्र
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राजेश शर्मा/हप्र

फरीदाबाद, 16 फरवरी

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38वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले की सांस्कृतिक संध्या में पंजाबी गायकी से पूरा सूरजकुंड झूम उठा। पंजाब के विख्यात गायक गुरताज ने एक से बढ़कर एक बेहतरीन पंजाबी गीतों की प्रस्तुति से पंडाल में मौजूद सभी दर्शकों में जोश भर दिया। सांस्कृतिक संध्या में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर का पर्यटन निगम और मेला प्रशासन के अधिकारियों ने स्वागत और अभिनंदन किया।

केंद्रीय मंत्री ने गायक गुरताज को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनकी गायकी की सराहना की।

इस अवसर पर हरियाणा पर्यटन निगम के एम.डी. डा. सुनील कुमार व जीएम आशुतोष राजन सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण व देशी विदेशी पर्यटक मौजूद रहे।

फरीदाबाद में मेले की बड़ी चौपाल पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से पर्यटकों का मनोरंजन करते विदेशी कलाकार। -हप्र

बड़ी चौपाल पर विदेशी कलाकारों का जलवा

रविवार को मेले की बड़ी चौपाल पर विदेशी कलाकारों का जलवा छाया रहा। रविवार को बड़ी चौपाल पर पश्चिम अफ्रीका के देश गिनी कोनाक्री के लोक कलाकारों ने रिद्म ऑफ काकांडे नृत्य की प्रस्तुति दी। जिम्बाब्वे के कलाकारों ने अपने देश के पारंपरिक नृत्य का जलवा बिखेरा। मेडागास्कर देश से आए उनके मुख्य बैंड मालागासी की बीट पर दर्शकों को खूब नचाया। इसी तरह मालवी, युगांडा, जाम्बिया, वियतनाम, तंजानिया, साउथ सूडान, कोमरोस आदि देशों के कलाकारों ने भी अपनी समृद्ध संस्कृति से ओतप्रोत कार्यक्रमों की पेशकश दीं। वहीं देश के विभिन्न राज्यों सहित मेले के थीम स्टेट ओडिसाा और मध्य प्रदेश के लोक कलाकारों ने भी गायन और सामूहिक नृत्य से पर्यटकों का खूब मनोरंजन किया।

शिल्पकारों के लिए बना बड़ा प्लेटफार्म, हुनर और प्रतिभा को मिला सम्मान

38वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला बहुत बड़ा और विश्व विख्यात मेला है। इस मेले में शिल्पकारों के हुनर और प्रतिभा को पर्यटकों द्वारा काफी सम्मान मिल रहा है। शिल्पकारों के लिए यह मेला व्यापार की दृष्टि से काफी बड़ा प्लेटफार्म है। हरियाणा सरकार द्वारा इस विश्व विख्यात मेले के लिए बहुत बेहतरीन व्यवस्था की गई है। यह बातें मेला परिसर में थीम स्टेट ओडिशा व मध्य प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकारों ने कही। उन्होंने सूरजकुंड मेला परिसर में उनकी स्टॉल को जगह देने पर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पर्यटन मंत्री डा. अरविंद कुमार शर्मा का आभार और धन्यवाद व्यक्त किया।

गाय के गोबर से बनी धूपबत्ती-अगरबत्ती बनी पहली पसंद

मध्य प्रदेश से आए शिल्पकार पर्यटकों के लिए काफी आकर्षक उत्पाद लेकर आए हैं। इन्हीं उत्पादों में से गाय के गोबर से तैयार की गई धूपबत्ती और अगरबत्ती सहित अन्य सामग्री की खूब बिक्री हो रही है। एमपी परिसर की स्टॉल नंबर.170 की संचालिका नीतादीप वाजपेयी ने बताया कि उनके स्टॉल पर गोवंशों के गोबर से तैयार किए गए अनेक प्रकार के उत्पाद पर्यटकों को काफी पसंद आ रहे हैं। यह उत्पाद पूरी तरह से इको फ्रेंडली हैं। उन्होंने गौ संवर्धन के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि अन्य राज्यों को भी गौवंशों की सुरक्षा और बेहतर व्यवस्था के लिए हरियाणा सरकार की तरह कार्य करना चाहिए।

पेपर वेस्ट से तैयार की सुंदर व आकर्षक पेंटिंग

थीम स्टेट ओडिशा परिसर में स्टॉल नंबर-146 पर पेपर वेस्ट से तैयार की गई आकर्षक पेंटिंग व कलाकृति (सीनरी) की पर्यटक खूब तारीफ कर रहे हैं। इस स्टॉल की संचालिका ममता ओझा ने बताया कि इन पेंटिंग्स को देखकर पर्यटक काफी आश्चर्य चकित होते हैं और इन पेंटिंग्स को तैयार करने की विधि के बारे में भी जानकारी लेते हैं। उन्होंने बताया कि उनका स्वयं सहायता समूह इन पेंटिंग्स को पेपर वेस्ट को रिसाइकल करके बनाते हैं। इसमें इमली से तैयार एक गोंद का प्रयोग भी किया जाता है। उनके द्वारा 100 से अधिक महिलाओं को ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाया जा चुका है।

नारियल के छिलके से बनाए बच्चों के खिलौने

मेले में ओडिशा परिसर की स्टॉल नंबर.112 पर बच्चों की भीड़ दिनभर देखी जा सकती है। इस भीड़ का मुख्य कारण नारियल के छिलके से बनाए गए खिलौने हाथी, घोड़ा, हिरण हैं। स्टॉल के संचालक अजय कुमार ने बताया कि इनको तैयार करने के लिए उनका एक 30 सदस्यों का संयुक्त समूह कार्य कर रहा है। बच्चों के इन खिलौनों की काफी बिक्री हो रही है। सूरजकुंड मेला में वे पहली बार आए हैं। यहां की गई व्यवस्थाओं ने उन्हें काफी प्रभावित किया है

सूरजकुंड में थीम स्टेट मध्यप्रदेश में स्टॉल नंबर.155 की संचालिका मीरा मोरे अपने उत्पाद प्रदर्शित करते हुए। -हप्र

हर बार बुलाएं सूरजकुंड : मीरा मोरे

मध्य प्रदेश के स्टॉल नंबर.155 की संचालिका मीरा मोरे ने विश्व विख्यात सूरजकुंड शिल्प मेले में हरियाणा सरकार की तरफ से की गई बेहतरीन व्यवस्था के लिए खुशी जताई। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हरियाणा सरकार हर बार हमें सूरजकुंड मेले में बुलाए। उन्होंने बताया कि उनकी स्टॉल पर जूट और कॉटन के कपड़े जैसे साड़ी, सूट, बैग आदि उपलब्ध हैं। यह सभी कपड़े उनके समूह द्वारा तैयार किए गए हैं, जोकि इनके शिल्प की कारीगरी को दर्शाते हैं। उनके यहां 500 से लेकर 5 हजार रुपए तक के बेहतरीन उत्पाद उपलब्ध हैं।

फरीदाबाद स्थित सूरजकुंड मेला परिसर में ताड़पत्र पर की गई चित्रकारी दिखाते स्टॉल नंबर.145 के संचालक रामचंद्रन। -हप्र

पुरानी संस्कृति को पुनर्जीवित कर रहे रामचंद्रन

मेला के ओडिशा परिसर में स्टॉल नंबर.145 के संचालक रामचंद्रन के द्वारा ताड़पत्र (पाम लीफ) पर तैयार की गई चित्रकारी की भी काफी सराहना हो रही है। उन्होंने बताया कि यह बहुत बारीकी का काम होता है। वह पुरानी संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सूरजकुंड मेला को शिल्पकारों के लिए व्यापार की दृष्टि से बहुत बड़ा मंच बताया और यहां की गई व्यवस्थाओं को लेकर सूरजकुंड मेला प्रशासन की सराहना की। वह मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा का बारम्बार धन्यवाद करते हैं तथा उन्हें दोबारा मेले में स्टॉल लगाने के लिए निवेदन करते हैं।

खजूर शिल्पकारी को बढ़ावा दे रहे एमपी के सुधाकर

मध्य प्रदेश की स्टॉल नंबर.152 के संचालक एवं शिल्पकार सुधाकर खडसे खजूर से तैयार की गई शिल्पकारी को बढ़ावा दे रहे हैं। उनके द्वारा खजूर के पत्तों से तैयार की गई झाड़ू, गुलदस्ते और बच्चों के खिलौने पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं। सुधाकर बताते हैं कि वह विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में जाकर विद्यार्थियों को खजूर की शिल्पकारी में निपुण बनाने के लिए ट्रेनिंग भी देते हैं। उन्होंने कहा कि वे इस मेले में पहली बार आए हैं। मेले परिसर में उनके लिए की गई व्यवस्था काबिले तारीफ है, इससे खुश होकर वे सरकार का और मेला प्रशासन का बार-बार धन्यवाद करते हैं।

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