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घोटाले में पुन्हाना बीडीपीओ, ठेकेदार गिरफ्तार

गांव मुजेड़ी में विकास कार्य के एवज में 28 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
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तीस करोड़ के घोटाले मामले में एसीबी की टीम ने मंगलवार शाम पुन्हाना की बीडीपीओ पूजा शर्मा व एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्होंने साल-2020 से 2022 तक गांव मुजेड़ी में विकास कार्य के एवज में 28 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। एसीबी मामले की जांच में जुटी है। आरोपी पूजा शर्मा मूलरूप से उत्तरप्रदेश के बरेली की रहने वाली है। मौजूदा समय में वह फरीदाबाद के सेक्टर-79 स्थित रॉयल रेजीडेंसी में परिवार समेत रहती हैं। वह नूंह के पुन्हाना में बीडीपीओ के पद पर तैनात हैं। उनके साथ गिरफ्तार ठेकेदार हीरालाल भी मूलरूप से यूपी के राय बरेली का रहने वाला है। उसे गांव मुजेड़ी से गिरफ्तार किया गया है। इनके खिलाफ बल्लभगढ़ सदर थाना में 16 अक्तूबर 2022 को धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

आरोप था कि फरीदाबाद के ग्राम पंचायत मुजेड़ी में नौ अक्तूबर 2020 को बनाये गये कार्यवाहक सरपंच ब्रहमपाल ने ग्राम सचिव जोगेन्द्र और बीडीपीओ पूजा शर्मा के साथ मिलकर बिना किसी अनुमित के फर्जी विकास कार्य का खाका तैयार किया। साथ ही 22 करोड़ रुपये का गबन किया। इसमें 17 करोड़ 14 लाख रुपये की अदायगी विभिन्न फर्म में की गई। बल्लभगढ़ सदर थाने में केस दर्ज होने के बाद जांच एसीबी को सौंपी गई। एसीबी ने जांच में पाया कि पूजा शर्मा तिगांव में खंड विकास एंव पंचायत अधिकारी रहते हुए ग्राम पंचायत मुजेड़ी के तत्कालीन कार्यवाहक सरपंच ब्रहमपाल व अन्य फर्म मालिकों के साथ मिलकर अपने पद का दुरूपयोग किया। साथ ही बिना कोई एस्टीमेट पास करवाये गावं में फर्जी विकास कार्य दिलाकर अलग अलग फर्म मालिकों के बैंक खातों में लगभग 28 करोड रूपये का भुगतान किया। केस दर्ज होने के बाद ग्राम पंचायत मुजेड़ी के सभी बैंक खाता को बंद कर दिया गया था। आरोपी पूजा शर्मा द्वारा बंद बैंक खातों को बिना कोई अनुमति के अपने स्तर खुलवा दिया। साथ ही उससे एक फर्म को भुगतान किया गया। इसके अलावा पूजा शर्मा ने ग्राम पंचायत के बैंक खाते से नौ लाख 20 हजार रुपये भी निकाले। आरोपी पूजा शर्मा ने ग्राम पंचायत में पेड़-पौधे लगाने का भी फर्जी बिल तैयार किया और हीरालाल नामक ठेकेदार और तत्कालीन सरपंच के मिलीभगत से 23 लाख रुपये की गबन किया। उसके बैंक खातों से इन रुपयों की प्राप्ति की गई। आरोप है कि पेड़-पौधे लगाने की योजना मानसून खत्म होने के बाद नवम्बर-दिसम्बर में बनाई गई। उस समय सर्दी का मौसम था।

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