नागरिक अस्पताल के मेकअप पर आमजन को आपत्ति
नागरिक अस्पताल की जर्जर हो रही बिल्डिंग को पीडब्ल्यूडी द्वारा डेंट-पेंट कर नया किया जा रहा है। लोगों ने इस पर आपत्ति जताई है। लोगों का कहना है कि इस प्रकार कंडम होने के कगार हो गई बिल्डिंग को ऐसे सजाने से काम नहीं चलेगा। विभाग इस पर साढ़े 5 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है।नागरिक अस्पताल का पुराना भवन कंडम होने के कगार पर है। यहां पर छतों का प्लास्टर गिर गया है। वहीं दीवारों से भी लिपाई हट गई है। छत्त पर पेड़ उग आए हैं। वहीं पीडब्ल्यूडी विभाग इस पर ऊपरी लीपापोती कर इस पर एलिवेशन लगाकर इसको नया रूप देने में लगी हुई है। नागरिक अस्पताल के पुराने भवन के अलावा यहां बने अन्य पुराने भवनों की भी मरम्मत की जाएगी। नागरिक अस्पताल के पुराने भवन से आए दिन छतों से प्लास्टर गिरने लगे था। नागरिक अस्पताल में इस साढ़े 5 करोड़ रुपए की लागत से तीनों मुख्य गेटों को नया लुक दिया जा रहा है। इसके अलावा शौचालय नए रूप से तैयार किए जा रहा है। अस्पताल की छत को वाटर प्रूफ बनाया जा रहा है।इसके अलावा सारे छज्जों को तोडक़र नया बनाने के साथ सभी जगह नई टाइल लगाकर नए दरवाजे भी लगाए जाएंगे। जिसके चलते पूरा अस्पताल नए लुक में नजर आएगा। वहीं समाज सेवी राहुल वर्मा, प्रमोद सैनी व अन्य लोगों ने बताया कि यह केवल टूटी दीवारों को चद्दर से ढकने का काम हो रहा है। इसमें केवल पुरानी दीवारों पर एलिवेशन लगाई जा रही है। दीवारों को ठोस करने के लिए कोई भी काम नहीं हो रहा। छत का प्लास्टर गिरने से रोकने के लिए भी कोई काम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह तो नई बोतल में पुरानी शराब डालने वाली बात हो गई है। इस बारे में पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन अश्विनी कुमार ने बताया कि एलिवेशन लगाने से पहले दीवारों पर पुट्टी व पेंट किया जा रहा है। वहीं छतों को भी ठीक किया जा रहा है।