पीआर धान की खरीद न होने पर मार्केट कमेटी गेट पर दिया धरना
नयी अनाज मंडी में शनिवार को पीआर धान की खरीद शुरू न होने पर किसानों को गुस्सा फूट पड़ा। किसानों ने भारतीय किसान यूनियन एकता (सिद्धूपुर) की टीम ने मार्केट कमेटी कार्यालय के गेट पर धरना दिया। सूचना के बाद सचिव जितेंद्र कुमार ने उन्हें बातचीत के लिए अंदर बुलाया। उसके बाद सचिव ने किसानों को एटलस रोड स्थित हैफेड कार्यालय में भेज दिया। वहां तीन घंटे तक हुई बैठक के बाद हैफेड के डीएम उमाकांत शर्मा ने रविवार तक खरीद सुचारू रूप से करने का आश्वासन दिया। किसान अजीत दहिया, सुनील जटराणा, पप्पू सरोहा, कृष्ण का कहना है कि मंडी में ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर पीआर धान खरीदा जा रहा है और न ही पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। 10 दिन से अपनी फसल लेकर मंडी में डटे हुए हैं, लेकिन खरीद शुरू नहीं हुई। हर बार अधिकारी नये बहाने बनाते हैं। उनका आरोप है कि पीआर धान खरीद करने के लिए मिलर्स एमएमपी के बजाय औन-पौने दाम लगा रहे है। मिलर्स मंडी में खुलेआम मनमानी कर रहे हैं। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि मिलर्स ने किसानों के गेटपास पर कोडवर्ड के जरिए अलग-अलग रेट लिख रहे हैं। मिलर्स ने धान पर 5 से 15 किलो तक के कट प्रति क्विंटल लगाने की बात कही उसका किसानों ने विरोध किया। किसान प्रदीप राणा, शक्ति सिसाना, राज सिंह हलालपुर, बुधराम कोहाड ने बताया कि मंडी में फसल की नमी जांचने की मशीनें भी नहीं लगी हैं। मिलर्स धान को हाथ से देखकर दाम तय कर रहे हैं। किसान नेताओं ने कहा कि 13 अक्तूबर को जिन ढेरियों के गेट पास कटे थे, आज तक उनको न तो खरीदा गया और न ही उनको न खरीदने का कारण लिखित में रजिस्टर में दर्ज किया गया। जिससे किसानों को जबरन कटौती झेलनी पड़ रही है। जिला प्रवक्ता देशपाल दहिया ने बताया कि हैफेड डीएम उमाकांत शर्मा ने किसानों के सामने मिलर्स से बात की। उसके बाद किसानों को आश्वासन दिया कि रविवार को मिलर्स मंडी में आएंगे और पारदर्शी ढंग से खरीद पुन: चालू कराई जाएगी। किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि रविवार को पीआर धान की खरीद नहीं हुई तो उसके बाद जिला मुख्यालय का घेराव किया जाएगा।
