वाईएस परमार को भारत रत्न देने का प्रस्ताव भेजा, समिति ने जताया आभार
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए हिमाचल निर्माता व प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार को भारत रत्न सम्मान देने का प्रस्ताव एक स्वर में पारित किया। नाहन के विधायक अजय सोलंकी ने डॉ. परमार को भारत रत्न सम्मान दिए जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।
वाईएस परमार को भारत रत्न देने के लिये मांग कर रही है समिति
सोलन की संस्था डॉ.वाईएस परमार समृति सम्मान समारोह आयोजित समिति शहर में चार दशकों से डॉ.परमार की जयंती पर हर वर्ष गोष्ठी का आयोजन करती है। संस्था ने इस वर्ष हिमाचल निर्माता को भारत रत्न की मांग उठाई थी। इस मांग को विधानसभा में सर्वसम्मति से पास करने के लिए समिति के संस्थापक अध्यक्ष बलदेव चौहान, पूर्व सांसद व राष्ट्रीय कोली समाज के अध्यक्ष वीरेंद्र कश्यप, सोलन नप के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेस नेता कुलराकेश पंत, वरिष्ठ कांग्रेस नेता जगमोहन मल्होत्रा शामिल हैं।
इनके अलावा एटक के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश भारद्वाज, वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. धर्मचंद गुलेरिया, बसाल पंचायत के पूर्व प्रधान मोहन सिंह ठाकुर ने इसके लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, अध्यक्ष विधानसभा कुलदीप पठानिया, उपाध्यक्ष विनय कुमार समेत सभी 68 विधायकों का आभार जताया। उन्होंने विधानसभा पटल पर यह प्रस्ताव लाने के लिए नाहन के विधायक अजय सोलंकी का भी आभार जताया।
विपक्ष का भी मिला सहयोग
बलदेव चौहान ने कहा कि 15 जुलाई को आयोजित समिति की बैठक में डॉ.परमार को भारत रत्न दिए जाने का प्रस्ताव पारित किया। इसके लिए वह विधान सभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री,नेता प्रतिपक्ष को मिले और डॉ. वाईएस परमार को भारत रत्न देने के लिए विधानसभा से प्रस्ताव पारित करने की मांग उठाई थी। सभी पक्ष व विपक्ष के विधायक इसके समर्थन में उतरे।
पूर्व सांसद व संस्था के सदस्य प्रो. वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि यह एक शुरुआत इसके लिए अब लोगों के बीच जाकर इसका प्रचार प्रसार करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी, प्रदेश के राज्यपाल से भी मांग उठाएंगे, साथ ही सांसदों को भी बोलेंगे । ताकि जब भी भारत रत्न मिले तो केंद्र सरकार डॉ. परमार को ही दें। वहीं पूर्व अध्यक्ष नगर परिषद सोलन कुल राकेश पंत ने भी इस पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह काफी पहले हो जाना चाहिए था, मगर अब भी देरी नहीं हुई है। संस्था इसके लिए लगातार प्रयासरत रहेगी कि डॉ. परमार को भारत रत्न मिल सके। इस दौरान संस्था के सदस्य डॉ. धर्म चंद गुलेरिया, मोहन लाल, जगमोहन मल्होत्रा, जगदीश भारद्वाज ने भी अपनी बात रखी।