प्रगतिशील किसानों ने मशरूम की खेती नयी राह दिखाई : ओपी यादव
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की बदौलत अब किसान धीरे-धीरे प्राकृतिक खेती की तरफ भी बढ़ रहा है। विभाग के अधिकारी भी लगातार इसी प्रकार किसानों को प्रोत्साहित करते रहे।
उन्होंने कहा कि जिले की भौगोलिक स्थिति व किसानों की कम जोत क्षेत्र को देखते हुए मशरूम की खेती किसानों की आय बढ़ाने के लिए बेहतर विकल्प के रूप में उभरा है।
इस मौके पर जिला उद्यान अधिकारी डॉ. प्रेम ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में अपनाई गई मशरूम की खेती के लाभार्थियों के साथ-साथ विभाग द्वारा चलाई जा रही अन्य स्कीमों के बारे में बताया कि बागवानी विभाग द्वारा लो कोस्ट मशरूम हट 30 गुणा 20 फुट बनाने पर 30 हजार रुपये का खर्चा आता है।
उन्होंने जिला उद्यान अधिकारी को इस स्कीम का फायदा ज्यादा से ज्यादा किसानों को पहुंचाने के लिए मशरूम हट का क्षेत्र व मशरूम ट्रे की अधिकतम सीमा बढ़ाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे फसल विविधिकरण के माध्यम से फलदार पौधे, फूल की खेती, मसालों की खेती, संरक्षित खेती व बेल वाली सब्जियों को तकनीक के साथ करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बागवानी लगाने वाले सभी किसानों से आह्वान किया कि वे बागवानी फसलों का बीमा मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के माध्यम से अवश्य करवाएं। किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।