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नांगल के प्रगतिशील किसानों ने नकदी फसलों को अपनाया

कपास व बाजरे की तुलना में अच्छी पैदावार
कनीना में प्याज की पैदावार दिखाते नांगल के किसान । -निस
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कनीना, 25 मई (निस)

कनीना उपमंडल के विभिन्न गावों में प्रगतिशील किसानों द्वारा नकदी फसलों को अपनाकर सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं का लाभ लिया जा रहा है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से ऐसे किसानों को बीज तथा कृषि उपकरणों पर सब्सिडी भी दी जाती है, जिससे उन्हें दोहरा लाभ मिल रहा है। किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं।

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इसी कड़ी में गांव नांगल मोहनपुर के किसान गजेंद्र सिंह की ओर से नकदी फसल की ऑर्गेनिक खेती की जा रही है। उसके पास करीब साढ़े सात एकड़ जमीन है, जिसमें वह प्रतिवर्ष एक-दो एकड़ कैश क्राॅप उगाते हैं। चालू वित वर्ष में उन्होंने एक एकड़ में आर्गेनिक खाद से प्याज उगाई है। जिसकी करीब 50 क्विटंल से अधिक की पैदावार का अनुमान है। उन्होंने बताया कि आॅर्गेनिक खेती पर करीब 35000 रुपए प्रति एकड़ की लागत आई थी, जिस पर हरियाणा सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से 50 फीसदी अनुदान की घोषणा की गई है। इसके लिए आॅनलाइन आवेदन किया गया है। उन्होंने बताया कि सब्जी की प्राकृतिक खेती करने पर कपास व बाजरे की बजाय अच्छी बचत हो जाती है।

किसान गजेंद्र सिंह व लोकी-पेठा उगाने वाले किसान रोशनलाल। -निस

दूसरी ओर इसी गांव के किसान रोशन लाल की ओर से भी नकदी फसलों को अपनाया जा रहा है। ढाई एकड़ भूमि के मालिक रोशन लाल ने घीया, टमाटर, मिर्च, पेठे की पैदावार की है। उन्होंने बताया कि नकदी फसल के पहले साल भले ही उत्पादन कम हो लेकिन उसकी बिक्री करने के लिए दूर नहीं जाना पड़ता, खेत में ही सब्जी की बिक्री हो जाती है।

इस बारे में कृषि विभाग के एसडीओ डाॅ अजय सिंह ने बताया कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के उत्थान के लिए अनेकों योजनाएं क्रियान्वित की गई है। जिसके अंतर्गत किसानों को प्रशिक्षण देकर बागवानी तथा कैशक्राॅप अपनाने की जानकारी दी जाती है।

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