होडल में निजी स्कूलों में नियमों की अवहेलना, अभिभावकों पर बढ़ा बोझ
हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा निजी विद्यालयों में लागू किए गए नियमों की होडल क्षेत्र में व्यापक रूप से अवहेलना हो रही है, जिससे अभिभावकों को आर्थिक और शैक्षणिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को निर्देशित किया है कि वे केवल एनसीआरटी की किताबों का उपयोग करें, विद्यार्थियों के बैग का वजन कम रखें, हर साल दो बार ड्रेस बदलने जैसे अनावश्यक खर्चों से बचें और पानी की बोतलें स्कूल में लाने से रोक लगाएं। हालांकि, होडल में कई निजी विद्यालयों के प्रबंधक इन आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं। सरकारी छुट्टियों का पालन नहीं किया जाता और कई स्कूल अपने अनुसार छुट्टियां तय कर देते हैं।
इसके अलावा, विद्यार्थियों को लेकर चलने वाली गैस किट की वैनों में नियमों के विपरीत अधिक संख्या में बच्चों को बैठाया जाता है, जिससे सुरक्षा जोखिम बढ़ जाता है और अभिभावकों से पूरी फीस वसूली जाती है। यह वैन अधिकारियों की आखों के सामने से निकल कर जाती हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी के द्वारा इनके खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाती है।
प्राइवेट स्कूल प्रबंधक छात्रों के लिए किताबों की आपूर्ति के मामले में भी नियमों की अवहेलना करते हैं। कई स्कूल अपने ही पुस्तक विक्रेताओं को नियुक्त कर लेते हैं और एनसीआरटी के बजाय निजी प्रकाशकों की किताबें बेचकर मोटा कमीशन कमाते हैं। इसी तरह, कई स्कूलों में ड्रेस को दो बार बदलने का प्रचलन है, जिससे अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव पड़ता है। हरियाणा सरकार ने इन नियमों की पालना सुनिश्चित करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे स्कूलों में निर्धारित मानकों के अनुसार बैग का वजन, पानी की बोतल और ड्रेस बदलने के नियमों की निगरानी करें। बावजूद इसके, होडल में लंबे समय से किसी बड़े निजी स्कूल प्रबंधक के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी अशोक बघेल ने बताया कि सरकार की हिदायतों के अनुसार यदि कोई प्राइवेट स्कूल प्रबंधक इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
अभिभावक इस दिशा में विभाग से सख्ती की उम्मीद कर रहे हैं ताकि बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा और आर्थिक बोझ को नियंत्रित किया जा सके। देखना है कि शिक्षा विभाग द्वारा लागू किए गए नए नियमों की पालना करने की दिशा में कोई कार्रवाई अमल में लाई जाती है या फिर इन नए आदेशों की भी अवहेलना की जाती है।