हरियाणा युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता विभाग के प्रधान सचिव राजीव रंजन ने कहा कि प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना एक प्रमुख पहल है। यह योजना प्रदेश में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने और उद्योगों को नई दिशा प्रदान करने के लिए युवाओं को अधिक रोजगार अवसर उपलब्ध कराने के साथ-साथ उद्योगों को कार्यबल सुदृढ़ करने में मदद करेगी।
राजीव रंजन गुरुवार को गुरुग्राम स्थित जीआईए हाउस के सभागार में आयोजित एक दिवसीय अवेयरनेस वर्कशॉप को संबोधित कर रहे थे। यह वर्कशॉप एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट्स, एसईजेड एंटरप्राइजेज, एमएसएमई प्रतिष्ठानों और विभिन्न इंडस्ट्रियल एसोसिएशनों के लिए आयोजित की गई।
प्रधान सचिव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत रोजगार आधारित प्रोत्साहन योजना को 1 अगस्त 2025 से “प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना” के रूप में लागू किया गया है। विकसित भारत पहल के अनुरूप तैयार यह योजना पूरे देश में समावेशी और स्थायी रोजगार अवसरों के सृजन में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने नियोक्ताओं से इस योजना पर सुझाव भी आमंत्रित किए।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री विकसित भारत योजना दो भागों में विभाजित है—
भाग-ए : पहली बार रोजगार प्राप्त करने वाले युवाओं के लिए प्रोत्साहन
ईपीएफओ में पहली बार पंजीकृत कर्मचारी इसके तहत एक महीने के ईपीएफ वेतन (अधिकतम 15,000 रुपये) के प्रोत्साहन के पात्र होंगे। यह राशि दो किश्तों में मिलेगी—पहली 6 महीने की सेवा के बाद, और दूसरी 12 महीने की सेवा तथा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने पर। बचत को बढ़ावा देने हेतु प्रोत्साहन का एक हिस्सा निश्चित अवधि के लिए जमा खाते में रखा जाएगा।
भाग-बी : नियोक्ताओं को सहायता
अतिरिक्त रोजगार सृजन के लिए नियोक्ताओं को अधिकतम 3,000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन दो वर्षों तक मिलेगा। विनिर्माण सेक्टर में यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक बढ़ाया जाएगा। इसके लिए प्रतिष्ठान का ईपीएफओ पंजीकृत होना आवश्यक है, साथ ही उन्हें कम से कम छह माह के लिए दो (50 से कम कर्मचारी) या पांच (50 से अधिक कर्मचारी) अतिरिक्त कर्मचारी रखने होंगे।
वर्कशॉप में क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त प्रमोद सिंह, इंद्राज सिंह, नितेंदु मिश्रा, जीआईए के पूर्व प्रेजिडेंट जे.एन. मंगला, वर्तमान प्रेजिडेंट सुमित राव, एमएसएमई के संयुक्त निदेशक गौरव लाठर सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।

