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गरीब बच्चों को दाखिला नहीं, 27 निजी स्कूलों पर कार्रवाई

पोर्टल अस्थायी तौर पर बंद । अभिभावक मंच ने बताया औपचारिकता
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शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों को दाखिला न देने वाले हरियाणा के 1128 निजी स्कूलों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई करते हुए उनके मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एमआईएस) पोर्टल अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं। इनमें फरीदाबाद के 27 सीबीएसई मान्यता प्राप्त स्कूल भी शामिल हैं। हालांकि हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने सरकार की इस पहल को महज़ प्रतीकात्मक कार्रवाई करार दिया है।

मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा और महासचिव कैलाश शर्मा ने आरोप लगाया कि यह कदम स्थायी समाधान नहीं है और जल्द ही स्कूलों की प्रभावशाली लॉबी के दबाव में पोर्टल दोबारा खोल दिए जाएंगे। उन्होंने मांग की कि यदि सरकार वास्तव में गंभीर है, तो इन स्कूलों की एनओसी रद्द कर उनकी मान्यता समाप्त की जाए, ताकि गरीब बच्चों को उनका हक मिल सके।

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मंच के अनुसार, स्कूल प्रबंधकों को राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है, जिससे वे सीबीएसई, हरियाणा शिक्षा नियमावली, आरटीई, एचएसवीपी और एनसीपीसीआर जैसे नियमों की खुलकर अवहेलना करते हैं। मंच ने यह भी याद दिलाया कि सरकार पहले ही 134-ए कानून को खत्म कर चुकी है, जो गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिले का अधिकार देता था।

पूरी प्रक्रिया केवल दिखावा : सुभाष लांबा

मंच के संरक्षक सुभाष लांबा और सलाहकार एडवोकेट बीएस विरदी ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” जैसा नारा अब खोखला लगने लगा है। उन्होंने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया केवल दिखावे की है, जबकि असली समस्या की जड़ प्रभावशाली स्कूल लॉबी को सरकार छूने से बच रही है।

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