लेदर से बनी हरियाणवी जूती खरीदने उमड़े लोग
सेक्टर-6 के सामुदायिक केन्द्र में 10 दिवसीय राष्ट्रीय हस्तशिल्प कला उत्सव प्रदर्शनी में बृहस्पतिवार को खूब रौनक रही। बुधवार से मौसम साफ रहने के चलते काफी कला प्रेमी पारम्परिक कलाओं और हथकरघा से बने उत्पादों को निहारने व खरीदने के लिए पहुंचे। नाबार्ड के सहयोग व प्राचीन कारगीर एसोसिएशन व रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन (रूडफ) के तत्वावधान में 13 अक्तूबर तक आयोजित इस प्रदर्शनी में हर रोज लोगों की भीड़ उमड़ रही है। इस प्रदर्शनी एवं मेले में देशभर में 12 राज्यों से आए शिल्पकार, बुनकर अपनी विशिष्ट कलाऔर संस्कृति का प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका उद्देश्य ग्रामीण हस्तशिल्प को नई पहचान देना और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। करवा चौथ पर्व को लेकर भी इस प्रदर्शनी में खरीददारी करने को लेकर महिलाओं में खूब क्रेज दिख रहा है। वे अपने हाथों पर सुंदर, आकर्षक व मनमोहक मेहंदी लगवाने से लेकर एक से बढ़िया एक महंगे सूट, साड़ी खरीदने से लेकर श्रृंगार तक का सामान भी खूब खरीद रही है। बहादुरगढ़ से शिल्पकार अशोक कुमार ने बताया कि हरियाणवी जूती लोग पसंद कर रहे हैं जो लेदर से बनी हुई है और उसे पर धागे से नक्काशी भी की हुई है। लोग उसे खरीदने काे उमड़ रहे हैं। महाराष्ट्र से आये बाटिक के शिल्पकार अनिल पांडेय ने बताया की हरियाणवीं कल्चर वास्तव में जैसा सुना था वैसा मिला। यहां के लोग खुले दिल के हैं उनको यहां की खड़ी बोली बहुत पसंद आई। पलवल से आए बालियान प्रोड्यूसर कम्पनी नाबार्ड की तरफ से मनोज वर्मा ने बताया कि हमारे पास कॉटन में बेडशीट, जयपुरी, रजाई सूजनी दोहर व अन्य जैकेट हैं।