स्क्रीन टाइम घटाकर बच्चों के समक्ष आदर्श प्रस्तुत करें माता-पिता
तकनीकी रूप से अनुकूल पालन पोषण, आत्म देखभाल, भावनात्मक विनियमन और आत्म सम्मान को बढ़ावा देने के लिए दरौली खेड़ा स्थित ओम पब्लिक इंटरनेशनल स्कूल में बुधवार को सेमिनार हुआ। सेमिनार में अभिभावकों एवं किशोर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मंडल बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि आधुनिक तकनीक ने हमारे रहने, काम करने, बातचीत करने के तरीक़ों को पूरी तरह बदल दिया है । आधुनिक तकनीक की वजह से चिंताएं भी पनप रही हैं और कुछ नकारात्मक प्रभाव भी बढ़ रहे हैं। तकनीकी अनुकूलनशीलता का उदहारण माता-पिता को स्वयं पेश करना होगा। मोबाइल का अपना स्क्रीन समय सीमित कर बच्चों की शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाना चाहिए। बच्चों से उम्र विशेष के बदलाव पर चर्चा करें और समस्या समाधान का कौशल विकसित करना सिखाएं। बच्चों को ख़ुद की भावनाओं को पहचानने, समझने और प्रबंधित करने में मदद करें । सक्रिय रूप से उन्हें सुनना, धैर्य क़ायम रखना और सहानुभूति का अभ्यास करना ज़रूरी है। अभिभावक लचीली सोच विकसित करें, आत्म-देखभाल, भावनात्मक विनियमन और आत्म-सम्मान को बढ़ाएं। स्कूल निदेशिका शर्मिली श्योकंद और प्रधानाचार्या डिम्पल अरोड़ा ने कहा कि निरंतर मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवाओं का लाभ सराहनीय है । बच्चों में निरंतर सकारात्मक बदलाव महसूस किया जा रहा है। कार्यक्रम में स्कूल चेयरमैन हरदीप श्योंकंद मौजूद रहे।