गोरिया में एथेनॉल प्लांट के विरोध में पंचायत, प्रशासन को दिया अल्टीमेटम
झज्जर, 19 जून (हप्र)
झज्जर के गांव गोरिया की 15 एकड़ भूमि पर लगने वाले एथेनॉल प्लांट को लेकर ग्रामीणों का विरोध तेज हो गया है। पिछले दिनों अाधा दर्जन गांवों के ग्रामीण यहां इस बारे में जिला प्रशासन से मिलने आए थे और उपायुक्त को अपनी मांग से अवगत कराते हुए इस प्लांट के निर्माण को लेकर विरोध जताया था। तब जिला उपायुक्त द्वारा इन ग्रामीणों को इस मामले में उचित कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन जब जिला प्रशासन की ओर से इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं की गई तो बृहस्पतिवार को इन्हीं आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों ने गांव गोरिया में विरोध शुरू कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि जब जमीन खरीदी गई थी तो उस समय यहां पर एथेनॉल प्लांट लगाने का कोई जिक्र नहीं था। लेकिन प्रशासन से मिलीभगत के चलते संबंधित कम्पनी ने इस जमीन का नेचर चेंज कर दिया गया। जोकि ग्रामीणों को कतई मंजूर नहीं है। ग्रामीणों का कहना था कि पहले ही उनके क्षेत्र में लगे चाईनीज प्लांट और सीमेंट की फैक्टि्रयों की बदौलत हर समय प्रदूषण बना रहता है और यदि यह कैमिकल वाला प्लांट लग गया तो लोगों का तो यहां जीवन जीना ही दूभर हो जाएगा। पंचायत की अध्यक्षता वैसे तो गांव गोरिया के सरपंच अजीत सिंह को करनी थी, लेकिन पंचायत में सबसे बुजुर्ग होने के नाते इस पंचायत की अध्यक्षता झांसवा के नम्बरदार ओमप्रकाशने की। पंचायत में गोरिया के अलावा, भडंगी, कोहारड़, लिलोढ, झासवा व खानपुर के अलावा अन्य कई गांवों से लोग शामिल हुए। प्रशासन को चेतावनी दी गई कि इस प्लांट के कारण उन्हें नुकसान हो रहा है और यदि उनकी नहीं सुनी गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। कमेटी में भीम सिंह, दिलबाग खानपुर खुर्द, राजेन्द्र मुमताजपुर, पूर्व सरपंच अभय भड़गी, आनंद कोहारड़, उमराव मोहनबाड़ी, तेजपाल ठेकेदार, दीपक झोलरी, बिजेंद्र गोरिया, विकास, राजबीर, सतीश, हवासिंह, संदीप जयभगवान, राजकुमार, राजेश, अनिल, सुखबीर, धर्मवीर, सत्यवान, देवेन्द्र लाम्बा, अनिल, अशोक, नफे सिंह को शामिल किया गया है।
21 सदस्यीय कमेटी का गठन
पंचायत में गांव गोरियां के सरपंच अजीत सिंह की अध्यक्षता में एक 21 सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया गया। पंचायत में प्रशासन को सात दिनों का अल्टीमेटम दिया गया और कहा गया कि यह 21 सदस्यीय कमेटी इस बारे में जिला प्रशासन से सम्पर्क कर उनकी मांग को सप्ताहभर के भीतर पूरा कराने का प्रयास करेगी। यदि उनकी मांग एक सप्ताह में पूरी नहीं होती है तो फिर गांव में क्षेत्र के 40 गांवों की पंचायत बुलाई जाएगी।