पलवल के नागरिक अस्पताल में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां दो कारोबारियों के शव अदला-बदली हो गए। यह गलती अंतिम संस्कार से ठीक पहले तब उजागर हुई जब एक परिवार ने मृतक का चेहरा देखने की इच्छा जताई। जैसे ही शव का कपड़ा हटाया गया, परिवार दंग रह गया—वह उनका रिश्तेदार नहीं था।
गनीमत रही कि दोनों मृतक अभिनव अग्रवाल और अमित अग्रवाल दोस्त थे और उनके परिवार एक-दूसरे को जानते थे। परिजनों ने आपस में संपर्क कर शवों की तत्काल अदला-बदली की।
मेरठ के स्वामीपाड़ा निवासी अभिनव और शास्त्रीनगर के अमित पूजा सामग्री लेने मथुरा जा रहे थे। कुंडली-गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) एक्सप्रेसवे पर छज्जूनगर टोल प्लाजा के पास उनकी कार एक ट्राले से टकरा गई, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
शवों को पलवल नागरिक अस्पताल लाया गया, जहां पोस्टमार्टम के बाद उन्हें टैगिंग कर परिजनों को सौंपा गया। लेकिन अंतिम दर्शन के समय अभिनव के परिवार ने पाया कि उन्हें अमित का शव सौंपा गया है।
जांच के लिए कमेटी गठित
अस्पताल प्रशासन ने इस गंभीर लापरवाही को स्वीकार करते हुए आंतरिक जांच समिति गठित कर दी है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि शवों की टैगिंग में लापरवाही बरती गई, जिससे यह भ्रम पैदा हुआ। सूत्रों के मुताबिक, मॉर्चरी स्टाफ से पूछताछ की जा रही है।