राजकीय शिक्षण कॉलेज का सीबीएलयू में प्रस्तावित विलय का विरोध
राजकीय शिक्षण महाविद्यालय के चौधरी बंसीलाल श्विविद्यालय में विलय की प्रस्तावित योजना का मंगलवार को विद्यार्थियों ने जमकर विरोध किया और उच्च शिक्षा महानिदेशक एस नारायण (आईएफएस) के नाम मांगपत्र सौंपा। मांग पत्र में विद्यार्थियों ने विलय को रोकने की अपील की है। उनका कहना है कि यह कदम न केवल गरीब परिवारों के बच्चों के लिए उच्च शिक्षा को महंगा बना देगा, बल्कि क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान की पहचान को भी समाप्त कर देगा। मांगपत्र के माध्यम से प्रवीण बूरा व छात्र नेता मोहित आसलवास ने कहा कि प्रदेश में मात्र दो राजकीय शिक्षण महाविद्यालय हैं जो भिवानी व नारनौल में ही चलाए जा रहे है। भिवानी के राजकीय शिक्षण महाविद्यालय का सीबीएलयू में विलय करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि भिवानी का शिक्षण महाविद्यालय वर्ष 1973 से संचालित है। यह संस्थान प्रदेश के सबसे कम शुल्क वाले संस्थानों में से एक है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को बहुत लाभ हुआ है। प्रवीण बूरा ने कहा कि वर्तमान में इस महाविद्यालय की फीस 34,500 है, जबकि सेल्फ फाइनेंस या निजी शिक्षण महाविद्यालयों की फीस एक लाख से भी अधिक है।