बल्लभगढ़ के गांव मोहना में लैंड पूलिंग का विरोध, किसानों ने 22 तक का दिया अल्टीमेटम
शहर के गांव मोहना में भूमि के सर्किल रेट को बाजार दर के अनुसार 4.50 करोड़ रुपये प्रति एकड़ करने की मांग को लेकर पंचायत की जा रही है। इसमें किसान लैंड पूलिंग योजना का विरोध कर रहे है। किसानों ने कहा कि वह योजना में पोर्टल पर जमीन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराएंगे।
हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास निगम और शहरी विकास प्राधिकरण फरीदाबाद और पलवल में विकास परियोजनाएं शुरू करेंगे। एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक शहर बसाने के लिए नौ गांवों से नौ हजार एकड़ जमीन ली जाएगी। ग्रेटर फरीदाबाद के 18 गांवों से भी जमीन ली जाएगी। किसानों को ई-भूमि पोर्टल पर 31 अगस्त 2025 तक आवेदन करना होगा लेकिन किसान सरकार की इस भूमि-अधिग्रहण नीति से खुश नही है।
एक्सप्रेसवे किनारे इन गांवों को चुना गया
फरीदाबाद के छांयसा और मोहना गांव हैं। जबकि पलवल के मोहियापुर, बागपुर कलां, बागपुर खुर्द, बहरौला, हंसापुर, सोलड़ा, थंथरी हैं। इन सभी गांव की नौ हजार एकड़ जमीन ली जानी प्रस्तावित है।
नए सेक्टरों के लिए चिन्हित गांव
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा नए सेक्टरों के लिए खेड़ी कलां, नचौली, ताजुपुर, ढहकौला, शाहबाद, बदरपुर सैद, साहुपुरा, सोतई, सुनपेड़, मलेरना, जाजरू, भैंसरावली, फत्तुपुरा, भुआपुर, जसाना, फरीदपुर, सदपुरा और तिगांव हैं।
इन गांव में सेक्टर-94ए, 96, 96ए, 99, 100, 101, 102, 103, 140, 141, 142 विकसित किए जाएंगे। इनमें रिहायशी के अलावा वाणिज्यिक सेक्टर भी होंगे।
15 गांवों के किसान तहसीलदार को सौंप चुके ज्ञापन
आस-पास के 15 गांव के किसान सर्किल रेट बढ़ाने को लेकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंप चुके है और गांव बागपुर में पंचायत कर चुके है। किसानों से सरकार को 22 अगस्त तक सर्किल रेट बढ़ाने का समय दिया हुआ है। किसानों का कहना है कि उसके बाद बड़े स्तर पर आन्दोलन किया जाएगा। ईश्वर नंबरदार, पूर्व सरपंच किशन, मास्टर गिर्राज का कहना है कि जब उनके गांव में 4.80 करोड़ की रजिस्टरी हो चुकी है तो फिर सर्किल रेट तय करने में क्या परेशानी है।
नौ हजार एकड़ जमीन ली जाएगी
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक बन रहे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे किनारे औद्योगिक शहर बसाने के लिए एचएसआईआईडीसी फरीदाबाद और पलवल के 9 गांव की नौ हजार एकड़ जमीन को लेगा। एचएसवीपी ग्रेटर फरीदाबाद के 18 गांव की साढ़े चार हजार एकड़ जमीन ली जाएगी। किसानों को सरकार के आवेदन करना होगा। आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त है।