मेहनत, समर्पण, पुरुषार्थ ही करेंगे पीढ़ियों की रक्षा : पं. धीरेंद्र शास्त्री
सनातन एकता के लिए निकली पदयात्रा में उमड़ा जनसैलाब
दिल्ली के छत्तरपुर स्थित मां कात्यायनी मंदिर से वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर तक चल रही सनातन हिंदू एकता पदयात्रा दूसरे दिन शनिवार को फरीदाबाद की सीमा में प्रवेश कर गई। यात्रा का नेतृत्व श्री बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कर रहे हैं। शुक्रवार को जब पदयात्रा मांगर कट के रास्ते हरियाणा की सीमा में प्रवेश कर फरीदाबाद पहुंची, तो चारों ओर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा।
यहां पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने महाराज श्री का पटका पहनाकर स्वागत किया। इसके बाद यात्रा एनआईटी विधानसभा क्षेत्र में पहुंची, जहां विधायक सतीश फागना, कविंद्र फागना, मेयर प्रवीण जोशी, पूर्व मंत्री सीमा त्रिखा, भाजपा जिलाध्यक्ष पंकज पूजन रामपाल, सोहन छौकर, राजन, गोल्डी, प्रवीण चौधरी, पार्षद हरेन्द्र भड़ाना सहित कई नेताओं ने स्वागत किया।
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पदयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी मेहनत, समर्पण और पुरुषार्थ ही आने वाली पीढ़ियों को संकटों से बचाएंगे। यह यात्रा सनातन जागरण का माध्यम है, ताकि कोई भी युवा विधर्मियों के कुचक्रों में न फंसे। उन्होंने कहा, जब फ्रांस और इंग्लैंड के लोग अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए सड़कों पर उतर सकते हैं, तो भारतवासी क्यों नहीं अपने सनातन धर्म की रक्षा के लिए आगे आएं।
महाराज बने पद यात्रियों के डॉक्टर
यात्रा में कई मानवीय और प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिले। भीड़ में चोटिल श्रद्धालुओं के घावों पर स्वयं महाराज श्री ने मरहम लगाया जिससे लोगों में उनके प्रति अपार श्रद्धा बढ़ी। बदायूं के दो भाइयों तेजपाल और धीरज ने अपनी चलने में असमर्थ मां राजेश्वरी देवी को कांवड़ में बैठाकर यात्रा में शामिल किया।
बुलंदशहर के 10 वर्षीय रूद्र पूरी यात्रा में दंडवत चलकर सनातन भक्ति का उदाहरण दे रहा है। वहीं मेरठ के विमल शर्मा ने बताया कि उन्होंने पांच साल से बाल नहीं कटवाए थे। उनका संकल्प था कि जब तक महाराज श्री से भेंट नहीं होगी, तब तक बाल नहीं कटवाएंगे।
कई दिग्गज हुए यात्रा में शामिल
यात्रा में भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन, उमेश यादव, महाबली खली, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और भजन गायक कन्हैया मित्तल भी शामिल हुए। सभी ने सनातन एकता के इस अभियान का समर्थन किया। फरीदाबाद पहुंचने से पहले महाराज श्री युवाओं के साथ रामधुन पर नगाड़ा बजाते और झूमते नजर आए। उन्होंने कहा, राम जी का मिलन त्रेता में, श्याम जी का द्वापर में और हनुमान जी का कलयुग में हो रहा है यही सनातन की जीवंतता है।
दशहरा मैदान में रात्रि विश्राम
यात्रा शनिवार रात दशहरा मैदान में विश्राम करेगी और रविवार को बल्लभगढ़ की ओर बढ़ेगी। एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के लिए जबलपुर से आए हलवाइयों द्वारा पोहा, खोये की जलेबी और विशेष भाजियां तैयार की जा रही हैं। यह पदयात्रा अब एक धार्मिक यात्रा से आगे बढ़कर आस्था, एकता और राष्ट्र चेतना का प्रतीक बन चुकी है। पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा यह यात्रा भारत को फिर से उसकी आध्यात्मिक शक्ति का बोध कराने का संकल्प है, क्योंकि सनातन ही इस देश की आत्मा है।
