मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

रजिस्ट्री से संबंधित ऑनलाइन सिस्टम ठप, हजारों लोग परेशान

फरीदाबाद, 1 जुलाई (हप्र) रजिस्ट्रेशन विभाग की साइट सुबह से लेकर शाम तक बंद रहने से हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसकी वजह कलेक्टर रेट रिवाइज की समय सीमा को लेकर हुई एक गंभीर क्लेरिकल और प्रशासनिक...
Advertisement

फरीदाबाद, 1 जुलाई (हप्र)

रजिस्ट्रेशन विभाग की साइट सुबह से लेकर शाम तक बंद रहने से हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसकी वजह कलेक्टर रेट रिवाइज की समय सीमा को लेकर हुई एक गंभीर क्लेरिकल और प्रशासनिक गलती रही। 30 जून तक के पुराने कलेक्टर रेट की वैधता समाप्त हो चुकी थी, लेकिन 1 जुलाई को नए रेट अपलोड करने की कमांड समय पर सिस्टम में नहीं दी गई। इससे पूरे प्रदेश में रजिस्ट्री से संबंधित ऑनलाइन सिस्टम ठप हो गया और पंजीकरण का कार्य दिनभर बाधित रहा।

Advertisement

राजस्व विभाग की इस भारी चूक का खामियाजा पूरे हरियाणा के हजारों आम नागरिकों को भुगतना पड़ा। सुबह से ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में रजिस्ट्रेशन कार्यालयों के बाहर लंबी कतारें लगी रहीं। कई लोग तो दूर-दराज के गांवों, अन्य राज्यों और यहां तक की विदेश से भी दस्तावेज पंजीकरण कराने आए थे। इनमें महिलाएं, बुजुर्ग, बीमार और वरिष्ठ नागरिक भी शामिल थे, जो भीषण गर्मी में घंटों लाइन में खड़े रहे।

लोगों ने पहले से टोकन कटवा रखे थे और लाखों रुपये की स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस पहले ही ऑनलाइन भर दी थी, लेकिन जब सुबह 9 बजे से साइट नहीं चली तो अफसरों ने इसे सामान्य (तकनीकी खराबी) बताकर टाल दिया। दिनभर लोगों को असल वजह नहीं बताई गई और सभी को बस इंतजार करने को कहा गया। शाम करीब 4.40 बजे जाकर अनौपचारिक तौर पर यह जानकारी दी गई कि साइट में समस्या इसलिए आई क्योंकि नए कलेक्टर रेट समय पर फीड नहीं किए गए। हालांकि शाम 5 बजे के बाद जब सर्वर पुन: चालू हुआ और साइट ने काम करना शुरू किया, तब जाकर थोड़ी राहत मिली।

प्रकि्रया पर उठाये सवाल

फीवा के महासचिव गुरमीत सिंह देओल ने गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर राजस्व विभाग इस तरह की लापरवाहियों से काम करेगा तो आम जनता कहां जाए, यह सिस्टम जनता की सुविधा के लिए है या उन्हें परेशान करने के लिए। देओल ने यह भी सवाल उठाया कि जब यह पहले से तय था कि 30 जून को पुरानी दरें समाप्त हो जाएंगी, तो 1 जुलाई को नए रेट्स फीड करने की प्रक्रिया पहले से क्यों नहीं सुनिश्चित की गई।

Advertisement