जिले में सीएनजी संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। सीएनजी स्टेशनों पर आपूर्ति बंद होने के कारण स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने वाली बसें बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। कहीं बसें रास्ते में ही हांफकर खड़ी हो जा रही हैं, तो कहीं स्कूल प्रबंधन को मजबूरी में डीजल बसों के फेरे बढ़ाने पड़ रहे हैं। इस कारण समय और खर्च दोनों में इजाफा हो रहा है। हालात यह हैं कि अभिभावक भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। जिले में करीब 670 निजी स्कूल संचालित हैं इनमें से अधिकतर स्कूलों में बसें सीएनजी संचालित हैं। पिछले दिनों बागपत के पास यमुना नदी से गुजर रही सीएनजी पाइपलाइन क्षतिग्रस्त होने के बाद से जिले में 5 दिन से सीएनजी आपूर्ति बाधित है। अधिकांश पंपों पर सीएनजी मिलना बंद हो गई है। ऐसे में निजी स्कूलों की करीब एक हजार से अधिक सीएनजी बसों के पहिये थम गए हैं या फिर उन्हें सीएनजी लेने के लिए दिल्ली या पानीपत की तरफ रुख करना पड़ रहा है। जिले में सीएनजी स्टेशनों पर आपूर्ति बाधित होने से निजी स्कूल संचालकों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए स्कूल प्रबंधन को डीजल बसें चलानी पड़ रही हैं। डीजल बसों की संख्या सीमित होने के कारण बच्चों को समय पर पिक एंड ड्राप करना मुश्किल हो रहा है। सोनीपत में गेल गैस कंपनी की तरफ से सीएनजी की आपूर्ति की जाती है। 16 अगस्त को बागपत के पास यमुना से गुजर रही गेल गैस कंपनी की गौना-बवाना पाइप लाइन यमुना में जलस्तर बढ़ने से क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके बाद पाइप लाइन के प्रभावित हिस्से को आइसोलेट कर गैस आपूर्ति बंद कर दी गई थी। सेक्टर-15 स्थित डीएवी मल्टीपर्पज स्कूल प्राचार्य वीके मित्तल ने कहा कि स्कूल में पांच बसें सीएनजी संचालित हैं। जिले में आपूर्ति बंद होने से बसों को सीएनजी लेने के लिए दिल्ली भेजना पड़ता है। बुधवार को छुट्टी के बाद बच्चों को लेकर जा रही एक बस खरखौदा के पास बंद हो गई थी। बच्चों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। बच्चों को ले जाने के लिए अभिभावकों को बुलाना पड़ा।
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