एक हजार एकड़ फसल डूबी,सिंचाई विभाग पर लापरवाही के आरोप
हरियाणा के बहादुरगढ़ स्थित छुड़ानी गांव में प्राकृतिक आपदा से कम और सरकारी लापरवाही से ज्यादा नुकसान देखने को मिला है। गांव के लगभग 1000 एकड़ में खड़ी धान की फसल पानी में पूरी तरह डूब चुकी है। खेत अब किसी झील का रूप ले चुके हैं, और गांव में पानी घुसने का खतरा मंडरा रहा है। इस आपदा की जड़ में है मातन लिंक ड्रेन और केसीबी ड्रेन की अव्यवस्थित पंपिंग व्यवस्था। स्थानीय किसानों का कहना है कि पहले ड्रेन से पानी पंपिंग करके निकाला जाता था, लेकिन इस बार बिना कोई पूर्व सूचना दिए पंपिंग बंद कर दी गई। खेतों में जमा बारिश और ड्रेन का पानी अब निकास न पाकर फसल को डुबो चुका है। किसानों का दर्द शब्दों में बयां नहीं होता। कृष्ण, रामकरण, लाला और अजीत सिंह जैसे अनेक किसानों ने बताया कि उन्होंने प्रति एकड़ 25 से 30 हजार रुपये का निवेश किया था। किसी ने उधार लिया, किसी ने जमीन ठेके पर लेकर खेती की लेकिन तीन दिन पहले तक लहलहाती फसल अब पानी में समा चुकी है। किसानों का कहना है कि मातन लिंक ड्रेन का निर्माण भी भ्रष्टाचार से भरा था। ड्रेन को मिट्टी डालकर ऊंचा बनाने की बजाय, नीचे खुदाई कर बनाई गई, जिससे उसका तल के.सी.बी. ड्रेन से काफी नीचा रह गया। अब जब पंपिंग बंद हुई, तो पानी का स्तर बराबर हो गया और निकासी रुक गई। किसानों की मांग है कि सरकार तुरंत उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए और सिंचाई विभाग के दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ विजिलेंस जांच की जाए।