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चलती गाड़ी में करते थे भ्रूण लिंग जांच, एक आरोपी गिरफ्तार

पीसी-पीएनडीटी नारनौल की टीम ने राजस्थान-हरियाणा सीमा पर सक्रिय भ्रूण लिंग जांच गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि एक आरोपी फरार हो गया। एक सप्ताह में यह टीम की दूसरी रेड है। स्वास्थ्य मंत्री...
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पीसी-पीएनडीटी नारनौल की टीम ने राजस्थान-हरियाणा सीमा पर सक्रिय भ्रूण लिंग जांच गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि एक आरोपी फरार हो गया। एक सप्ताह में यह टीम की दूसरी रेड है। स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि विभाग की सख्ती के चलते अवैध गतिविधियों पर रोक लग रही है।टीम को 6 नवंबर को सूचना मिली थी कि राजस्थान-हरियाणा सीमा पर चलती गाड़ियों में भ्रूण लिंग जांच की अवैध रूप से हो रही है। रेडिंग टीम में डॉ. विजय कुमार यादव (नोडल अधिकारी), अनीष सोनी (लिपिक), प्रदीप कुमार (डेटा एंट्री ऑपरेटर) सहित पुलिस टीम एचसी अनिल कुमार और कांस्टेबल रितेश कुमार शामिल थे।

सरकारी डिकॉय पेशेंट सविता पत्नी मनोज कुमार (नूनी कलां, महेंद्रगढ़) ने स्वेच्छा से अभियान में भाग लिया, जबकि शैडो विटनेस सतीर निवासी बीलवा बड़ा (खेतड़ी, झुंझुनू) रहे।

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आरोपी अवधेश पांडे निवासी खेतड़ी से 50 हजार रुपये में भ्रूण लिंग जांच का सौदा तय किया। 9 नवंबर को सुबह 8 बजे एक गाड़ी में आरोपी अवधेश पांडे मौके पर पहुंचा। बाद में वह अपने साथी सैयद निवासी ढाणा पचेरी कलां के साथ पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन लेकर शेडो विटनेस के घर पहुंचा और अवैध रूप से भ्रूण लिंग जांच कर गर्भ में लड़की होने की जानकारी दी। संकेत मिलते ही टीम ने अवधेश पांडे को पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन, 27 हजार रुपये कैश और एक मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सैयद 23 हजार रुपये लेकर फरार हो गया।

अवधेश पांडे एक अपराधी व्यक्ति है। उसके खिलाफ हरियाणा और राजस्थान में कई मामले दर्ज हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने फरार आरोपी सैयद की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भ्रूण लिंग जांच एक गंभीर अपराध है। सरकार इसके खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी पर काम कर रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

 

 

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