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ओल्ड गुरुग्राम को जल्द मिलेगी मेट्रो, दूसरे फेज का जियोटेक्निकल सर्वे शुरू

ओल्ड गुरुग्राम को मेट्रो से जोड़ने की लंबे समय से लंबित परियोजना अब गति पकड़ रही है। गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) ने मिलेनियम सिटी सेंटर से साइबर सिटी तक 28.5 किलोमीटर लंबे मेट्रो कॉरिडोर के दूसरे चरण का काम...
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ओल्ड गुरुग्राम को मेट्रो से जोड़ने की लंबे समय से लंबित परियोजना अब गति पकड़ रही है। गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) ने मिलेनियम सिटी सेंटर से साइबर सिटी तक 28.5 किलोमीटर लंबे मेट्रो कॉरिडोर के दूसरे चरण का काम शुरू कर दिया है। इस चरण में सेक्टर-9 से साइबर सिटी तक 16 किलोमीटर का रूट बनाया जाएगा, जिसमें कुल 14 स्टेशन शामिल होंगे। इसके अलावा, गुरुग्राम रेलवे स्टेशन स्पर और सेक्टर-33 में बनने वाला डिपो भी इसी चरण का हिस्सा हैं।

परियोजना के लिए सबसे पहले भू-तकनीकी (जियोटेक्निकल) जांच शुरू की गई है। इस सर्वे में 30 मीटर गहरे बोरवेल खोदकर मिट्टी और पानी के 150 से ज्यादा नमूने लिए जा रहे हैं। इन नमूनों की जांच के बाद मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर मेट्रो के पिलर्स और स्टेशनों के डिजाइन को अंतिम रूप दिया जाएगा। जियोटेक्निकल सर्वे के बाद मेट्रो स्टेशनों की फाइनल लोकेशन तय करने के लिए एक और सर्वे होगा। इसके बाद ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे किया जाएगा, जिससे जमीन के नीचे मौजूद सीवर, पानी, गैस पाइपलाइन और बिजली के तारों की सटीक जानकारी मिल सकेगी। इससे अनावश्यक खुदाई से बचा जा सकेगा। परियोजना के लिए फ्रांस की कंपनी सिस्ट्रा को डिटेल डिजाइन कंसलटेंट (डीडीसी) और ड्यूश बान इंजीनियरिंग (डीबीईसी) को सामान्य सलाहकार (जीसी) के रूप में नियुक्त किया गया है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। पहले चरण के सिविल निर्माण के लिए दिलीप बिल्डकॉन और रंजीत बिल्डकॉन के संयुक्त उद्यम को सबसे कम बोली लगाने वाला ठेकेदार घोषित किया गया है, जिससे जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है।

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