नूंह में डीएपी-यूरिया की भारी किल्लत के खिलाफ किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। हरियाणा के किसान इस समय सरसों की बुआई से पहले डीएपी खाद की भारी कमी से जूझ रहे हैं। जननायक जनता पार्टी (जजपा) के तावडू खंड प्रभारी अख्तर अली ने इस मुद्दे पर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी सोसायटियों में पिछले कई वर्षों से डीएपी और यूरिया की आपूर्ति ठप है, जिससे किसानों को मजबूरी में बाजार से खाद खरीदनी पड़ रही है — वो भी लगभग दोगुनी कीमत पर, यानी 1,800 रुपये प्रति बोरी के बजाय कहीं-कहीं 3,000 रुपये तक।
अख्तर अली ने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर खाद की आपूर्ति बहाल नहीं हुई, तो जन आक्रोश आंदोलन के तहत जिले में सड़कों पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सोहना विधानसभा क्षेत्र की सुनारी सोसायटी समेत कई अन्य स्थानों पर भी खाद का स्टॉक पूरी तरह खत्म हो चुका है। हर साल यह समस्या सामने आती है, लेकिन अधिकारी केवल अपने निजी स्वार्थ में लगे रहते हैं।
नूंह में डीएपी-यूरिया की कालाबाज़ारी का डर
अख्तर अली ने आरोप लगाया कि जब किसानों को खाद की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, उस समय सरकार इसकी आपूर्ति व्यापारियों को सौंप देती है, जिससे बाजार में कालाबाजारी बढ़ जाती है और किसान शोषण का शिकार होते हैं। उन्होंने मंडियों में बाजरे की खरीद में हो रही देरी को लेकर भी सरकार को घेरा और कहा कि यह सरकार किसानों और मजदूरों के हितों के खिलाफ काम कर रही है। काम केवल कागजों तक सीमित रह गया है, जबकि ज़मीनी स्तर पर भ्रष्टाचार का बोलबाला है।
जजपा नेता अख्तर अली ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से अपील की है कि वे अधिकारियों के रवैये में बदलाव लाएं और खाद की तत्काल आपूर्ति सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन तेज किया जाएगा और सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा।