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अब गुजविप्रौवि विद्यार्थी आर्मी के साथ मिलकर करेंगे शोध

गुजविप्रौवि व भारतीय सेना के दक्षिण-पश्चिम कमांड के बीच हुआ एमओयू
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हिसार मिलिट्री स्टेशन में एमओयू के साथ जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंद्र सिंह तथा कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई।
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हिसार, 25 मार्च (हप्र)गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार (गुजविप्रौवि) भारतीय सेना के दक्षिण-पश्चिम कमांड (एसडब्ल्यूसी) के साथ मिलकर स्वदेशीकरण, शोध तथा विकास (आईआरएंडडी) के क्षेत्र में कार्य करेगा।

इस संबंध में हिसार मिलिटरी स्टेशन में एसडब्ल्यूसी तथा गुजविप्रौवि के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) हुआ है। एसडब्ल्यूसी की तरफ से जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंद्र सिंह, एवीएसएम, वाईएसएम, वीएसएम ने तथा गुजविप्रौवि की तरफ से कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने हस्ताक्षर किए। गवाह के रूप में एसडब्ल्यूसी की ओर से एमजीईएमई मेजर जनरल रविन्द्र सिंह व सीओ, 633 ईएमई बीएन कर्नल मधुर विदवंस तथा गुजविप्रौवि की ओर से कुलसचिव डा. विजय कुमार व डीन इंटरनेशनल अफेयर्स प्रो. नमिता सिंह ने हस्ताक्षर किए।

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कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने बताया कि एसडब्ल्यूसी और गुजविप्रौवि के बीच यह एमओयू वर्तमान समय की आर एंड डी संबंधी चुनौतियों को लेकर एक मील का पत्थर साबित होगा। यह एमओयू एसडब्ल्यूसी तथा गुजविप्रौवि के लिए सेना के विशेष वाहनों, प्लेटफॉर्मों और उपकरणों, सॉफ्टवेयर विकास, रोबोटिक्स, हथियार प्रणाली एकीकरण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), संचार डिजाइन तथा विकास गतिविधियों के क्षेत्र में अनुसंधान व नवाचार के लिए मंच प्रस्तुत करेगा। एसडब्ल्यूसी गुजविप्रौवि की प्रयोगशालाओं तथा अन्य संबंधित विशेषज्ञता का लाभ ले सकेगा जबकि गुजविप्रौवि भी कोर्सों के संचालन में एसडब्ल्यूसी की विशेषज्ञता का लाभ ले सकेगा। इस दौरान एमओयू के तहत आईआर एंड डी व नवाचार सहयोग के संबंध में नए उद्देश्यों की पहचान कर उनके लिए कार्य किया जाएगा तथा शिक्षक, शोधार्थी व विशेषज्ञ आपस में सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे।

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