नक्सली गतिविधियों के आरोप में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ के एक युवक को हिसार से गिरफ्तार किया है। सूत्र बताते हैं कि गिरफ्तार युवक छत्तीसगढ़ के बस्तर के आदिवासी पृष्ठभूमि का है। युवक को नक्सलियों को फंडिंग के मामले में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में वर्ष-2022 में दर्ज एक एफआईआर के मामले में गिरफ्तार किया है। हालांकि हिसार पुलिस और एनआईए ने इस बारे में कोई अधिकारिक वर्जन जारी नहीं किया है और न ही ऐसे किसी एक्शन से मना किया है। पुलिस अधीक्षक शशांक कुमार सावन ने कहा कि पूरी कार्रवाई एनआईए की है और इस बारे में एनआईए ही कोई प्रेस नोट जारी करेगी। यदि एनआईए का कोई प्रेस नोट मिला तो साझा कर दिया जाएगा। हिसार आए एनआईए के अधिकारी बिजेंद्र से जब बात की तो उन्होंने कहा कि वे इस मामले में कुछ भी बयान नहीं दे सकते। इस बारे में एनआईए मुख्यालय में बात करें। जब एनआईए मुख्यालय के लैंड लाइन नंबर से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि अधिकारियों से बात करने के बाद जो भी जानकारी साझा करने योग्य होगी, वह साझा कर दी जाएगी। वहीं, दूसरी तरफ अनुपम कुमार (डीके) की एक फेसबुक आईडी से इस बारे में पोस्ट की गई जिसमें कहा गया है कि मजदूर अधिकार संगठन छात्र एवं लेबर राइट एक्टिविस्ट की अवैध गिरफ्तारी की वह कड़ी निंदा करता है। पोस्ट में लिखा है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के पूर्व छात्र 26 जुलाई की रात को हिसार से गिरफ्तार किया गया था और इस बारे में उसके परिवार को अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है जो असंवैधानिक है। दिल्ली विश्वविद्यालय में एक छात्र के रूप में उन्होंने फीस वृद्धि, पेपर लीक के खिलाफ आवाज उठाई थी। इतिहास में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने नई दिल्ली स्थित मजदूर अधिकार संगठन, दिल्ली जनरल मजदूर फ्रंट के साथ काम किया। पोस्ट में लिखा है कि पिछले साल दिसंबर में लखनऊ षडयंत्र मामले में एनआईए ने उनके किराए के कमरे पर छापा मारा था। सूचना मिली है कि उसे एनआईए ने लखनऊ षड्यंत्र मामले में वर्ष 2023 को दर्ज एक एफआईआर के मामले में गिरफ्तार किया है।
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