मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

नूंह के अस्पताल में नवजात का हाथ कटा,15 दिन में मांगी रिपोर्ट

नूंह जिले के मांडीखेड़ा स्थित अलआफिया अस्पताल में प्रसव के दौरान लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। 30 जुलाई 2025 को अस्पताल में एक नवजात शिशु का हाथ कथित तौर पर प्रसव के दौरान कटकर शरीर से अलग हो...
Advertisement

नूंह जिले के मांडीखेड़ा स्थित अलआफिया अस्पताल में प्रसव के दौरान लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। 30 जुलाई 2025 को अस्पताल में एक नवजात शिशु का हाथ कथित तौर पर प्रसव के दौरान कटकर शरीर से अलग हो गया। घटना के बाद अब हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सिविल सर्जन नूंह को 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।

मेवात निवासी शकील की पत्नी सरजीना को प्रसव पीड़ा के चलते मांडीखेड़ा के इस सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिवार का आरोप है कि डिलीवरी के दौरान मौजूद स्टाफ की घोर लापरवाही के चलते नवजात का एक हाथ पूरी तरह कट गया। जब परिजनों ने घटना की जानकारी लेनी चाही तो स्टाफ ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, अभद्र भाषा का प्रयोग किया और उन्हें जबरन वार्ड से बाहर निकाल दिया। बाद में नवजात को नल्हड़ अस्पताल रेफर कर दिया गया।

Advertisement

मानवाधिकार आयोग की पीठ जस्टिस ललित बत्रा, सदस्य कुलदीप और दीप भाटिया ने इसे संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और स्वास्थ्य का अधिकार) और संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार संधि के अनुच्छेद 6 व 19 का सीधा उल्लंघन बताया है। आयोग ने चिकित्सा प्रोटोकॉल की विफलता और मानवीय संवेदनहीनता की तीखी आलोचना की है।

स्वास्थ्य सेवाओं पर उठाए गंभीर सवाल

जस्टिस बत्रा ने टिप्पणी की कि जीवन की शुरुआत में ही नवजात को इस तरह की अपूरणीय चोट पहुंचाना केवल चिकित्सीय लापरवाही नहीं, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। आयोग ने सिविल सर्जन को 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। आयोग के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि आदेश की सूचना स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। इस मामले में अगली सुनवाई 26 अगस्त 2025 को होगी।

Advertisement
Show comments