पाक के लिए जासूसी के आरोप में नौसेना का क्लर्क गिरफ्तार
तरुण जैन/हप्र
रेवाड़ी, 26 जून
पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस विंग ने बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली स्थित नौसेना भवन में अपर डिवीजन क्लर्क विशाल यादव को गिरफ्तार किया है। उसके खाते से पाक हैंडलर द्वारा भेजे गए डेढ़ लाख रुपये की ट्रांजेक्शन भी मिली है। आरोप है कि एक खुफिया जानकारी देने के एवज में 5 से 6 हजार रुपये दिये जाते थे। विशाल यादव के घर पर ताला लगा हुआ है और अन्य परिजन कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। विशाल यादव मूलरूप से रेवाड़ी के गांव पुंसिका का रहने वाला है और फिलहाल शहर रेवाड़ी के उत्तम नगर में परिवार के साथ रह रहा था। विशाल फिलहाल वह नयी दिल्ली स्थित नौसेना भवन में अपर डिवीजन क्लर्क था। विशाल के पिता सुनील यादव हरियाणा पुलिस में एएसआई थे और 12 साल पहले सड़क हादसे में उनकी मृत्यु हो चुकी है। विशाल यादव उस समय शक के दायरे में आया, जब 2022 में जासूसी के आरोप में प्रिया शर्मा नाम की आईडी से बातचीत करने वाले दो लोगों को राजस्थान इंटेलिजेंस विंग ने गिरफ्तार किया था। प्रिया शर्मा का जब अकाउंट खंगाला गया तो उसके विशाल भी फ्रेंड मिला। इंटेलिजेंस ने विशाल की प्रोफाइल जांच की तो पता चला वह नौसेना मुख्यालय पर कार्यरत है। पड़ताल में सामने आया कि विशाल के खाते में डेढ़ लाख रुपये की ट्रांजेक्शन हुई है। यह ट्रांजेक्शन पाकिस्तानी हैंडलर प्रिया शर्मा द्वारा उसके खाते में की गई थी। जांच में यह भी सामने आया कि प्रिया शर्मा द्वारा हर खुफिया जानकारी देने के लिए विशाल को 5-6 हजार रुपये दिये जाते थे। आरोप है कि विशाल ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी अहम जानकारी भी उन्हें दे रहा था। इसका पता उस समय लगा, जब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उसके खाते में 50 हजार रुपये की ट्रांजेक्शन हुई। विशाल से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी। उसके मोबाइल फोन की फोरेसिंक जांच हुई तो उसके लेन-देन व पाकिस्तान को सूचनाएं देने की पुष्टि हुई। 16 जून को जब वह अपने दिल्ली स्थित कार्यालय से रेवाड़ी आ रहा था तो पीछा कर रही राजस्थान इंटेलिजेंस विंग की टीम ने उसकी कार को मानेसर में रुकवा लिया और उसे राजस्थान ले गई। बृहस्पतिवार को विशाल को जयपुर की एक अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे 30 जून तक रिमांड पर भेज दिया गया। इस घटनाक्रम से विशाल के परिजन अनभिज्ञ थे। जब उन्होंने विशाल की तलाश शुरू कर तो पता चला कि उसे राजस्थान इंटेलिजेंस विंग ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। विशाल के चाचा अनिल ने बताया कि वह मानेसर पहुंचा तो वहां उसकी कार खड़ी मिली। उन्होंने कहा कि वे 24 जून को जयपुर पहुंचे और गिरफ्तारी के बारे में पुलिस से जानकारी मांगी। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किये जाने के जासूसी संबंधित कागजात दिखाये। पुलिस ने उन्हें विशाल के खाते में पाकिस्तानी हैंडलर द्वारा की गई ट्रांजेक्शन व उसके साथ हुई चैट दिखाई। विशाल फेसबुक, इंस्टाग्राम व व्हाट्सअप के माध्यम से चैटिंग कर रहा था। उन्होंने कहा कि ये सारे तथ्य देखने के बाद यही कहा जा सकता है कि यदि विशाल ने कुछ गलत किया है तो कानून अपना काम करेगा।