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उद्घाटन से पहले ही 799 करोड़ के नेशनल हाईवे को चाहिए मरम्मत

जींद-सोनीपत नेशनल हाईवे की खेतों की तरफ की दीवार टूटी, रोड सेफ्टी खतरे में
जींद-सोनीपत ग्रीन फील्ड नेशनल हाईवे की उद्घाटन से पहले हो रही रिपेयर। -हप्र
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दैनिक ट्रिब्यून ग्राउंड रिपोर्टजसमेर मलिक/ हप्र

जींद, 28 अप्रैल

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लगभग 800 करोड़ रुपए की लागत से बना जींद-सोनीपत ग्रीनफील्ड नेशनल हाईवे अपने औपचारिक उद्घाटन के पहले ही जींद जिले की सीमा में कई जगह जवाब देने लगा है। हालत यह हो गई है कि इस नेशनल हाईवे के उद्घाटन से पहले इसकी कई जगह मेजर रिपेयर करनी पड़ी है। यह नेशनल हाईवे के निर्माण की क्वालिटी पर सवाल खड़े करता है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने जींद- सोनीपत के बीच ग्रीनफील्ड नेशनल हाईवे नंबर 352 ए बनवाया है। यह नेशनल हाईवे सोनीपत जिले के मुरथल के पास पुराने नेशनल हाईवे नंबर वन या यूं कहें जीटी रोड से शुरू होता है और सोनीपत तथा गोहाना होते हुए जींद तक आता है। इस नेशनल हाईवे का महत्व इस कारण और ज्यादा बढ़ जाता है कि यह मेरठ आर्मी कैंट को सोनीपत और जींद से होते हुए जींद से आगे दूसरे नेशनल हाईवे से होते हुए हिसार कैंट से कनेक्ट करता है।

हाल ही में निर्माण कंपनी ने जींद जिले की सीमा में लगभग आधा किलोमीटर से भी ज्यादा में इस नेशनल हाईवे की मेजर रिपेयर करवाई है। इसके लिए कई दिन तक रोड को एक तरफ से बंद करना पड़ा। रिपेयर की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि नेशनल हाईवे कई जगह टूट गया था। अब चूंकि उद्घाटन से पहले एनएचएआई के अधिकारी इसका विधिवत निरीक्षण करेंगे, लिहाजा निरीक्षण के दौरान नेशनल हाईवे कहीं से भी टूटा हुआ मिलता, तो निरीक्षण में पास नहीं होता। इस कारण निर्माण कंपनी को इसकी मेजर रिपेयर करवानी पड़ी। निर्माण कंपनी के रिपेयर करवा रहे सुपरवाइजर ने बताया कि नेशनल हाईवे पर काफी दिनों से ट्रैफिक चल रहा है। इसलिए कुछ जगह दिक्कत आने पर उसकी रिपेयर करवाई गई है। सुपरवाइजर ने नेशनल हाईवे की निर्माण क्वालिटी को सही बताया और कहा कि नए रोड के निर्माण के बाद थोड़ी बहुत रिपेयर की जरूरत पड़ जाती है।

रात को वाहन चालकों के लिए सेफ नहीं है नेशनल हाईवे

जींद - सोनीपत के बीच बना ग्रीनफील्ड नेशनल हाईवे 352- ए रात के समय और दिन में वाहन चालकों के लिए नेशनल हाईवे नंबर 152 -डी जितना सेफ नहीं है। कारण यह है कि इस पर कई जगह पशु सड़क पर आ जाते हैं, जिससे तेज गति से आ रहे वाहन कभी भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं। नील गाय जैसे जानवर भी जींद- सोनीपत ग्रीनफील्ड नेशनल हाईवे पर हादसों का कारण बन रहे हैं। कई जगह किसानों ने एनएचएआई द्वारा खेतों के साथ बनाई गई सीमेंट की दीवार को तोड़कर नेशनल हाईवे पर आने-जाने के अवैध रास्ते बना लिए हैं। इन रास्तों से कई बार दुपहिया वाहन और पशु आदि ग्रीनफील्ड नेशनल हाईवे पर चढ़ जाते हैं, जो कभी भी किसी बड़े जानलेवा सड़क हादसे का कारण बन सकते हैं। अभी तक कई जगह खेतों की तरफ सीमेंट की दीवार भी नहीं बनाई गई है, जिससे पशु सड़क पर तो आते ही हैं, और हादसों का कारण बनते हैं, साथ ही एनएचएआई ने नेशनल हाईवे के दोनों तरफ ग्रीन बेल्ट में जो पौधे लगाए हैं ,उन्हें भी पशु नुकसान पहुंचा रहे हैं। वहीं कायदे से जींद- सोनीपत ग्रीन फील्ड नेशनल हाईवे पर दुकान आदि नहीं खोली जा सकती, मगर जींद जिले की सीमा में इस नेशनल हाईवे पर खेतों में हाईवे की जमीन से ठीक सटा कर शराब ठेके से लेकर ढाबा तक खुल गए हैं। इनके आगे वाहन खड़े होने लगे हैं, जिनके एकाएक हाईवे पर आने से सड़क हादसों की आशंका बन गई है।

रोड सेफ्टी, निर्माण क्वालिटी से नहीं होने देंगे समझौता : डीसी

डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने कहा कि रोड सेफ्टी और रोड की निर्माण क्वालिटी से समझौता नहीं होने दिया जाएगा। ग्रीन फील्ड नेशनल हाईवे की ग्रीन बेल्ट की तोड़ी गई दीवार ठीक करवाई जाएंगी और जो लोग दीवार तोड़ अवैध रास्ते बना रहे हैं, उन पर कार्रवाई होगी।

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