वन हेल्थ फ्रेमवर्क के आधार पर बनाया नेशनल एक्शन प्लान : अनुप्रिया पटेल
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि भारत ने वन हेल्थ फ्रेमवर्क के आधार पर नेशनल एक्शन प्लान बनाया है, लैब क्षमता बढ़ाई है और ग्लोबल सर्विलांस डाटा साझा कर रहा है। अनुप्रिया पटेल अमृता अस्पताल में दो दिवसीय सम्मेलन एएमआर नैक्स्ट 2025 का शुभारंभ करने के बाद उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रही थी।
इस मौके पर अस्पताल के प्रशासनिक निदेशक स्वामी निजामृतानंद पुरी महाराज ने केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल का स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। दो दिवसीय सम्मेलन का विषय था सुरक्षित भविष्य के लिए एंटीमाइक्रोबियल रिजिस्टेंस से निपटने की रणनीति। सम्मेलन में ग्लोबल हेल्थ लीडर्स, नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों और इनोवेटर्स ने हिस्सा लिया। इसका उद्देश्य भारत में नीति निर्माण, निगरानी और नवाचार को तेजी से आगे बढ़ाना और मानव, जानवर एवं पर्यावरण की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। भारत बैक्टीरियल संक्रमण के उच्चतम भार वाले देशों में शामिल है। सम्मेलन में विशेषज्ञों ने एएमआर बढ़ने के कई कारण बताए, जैसे संक्रामक रोगों का भार, एंटीबायोटिक का अत्यधिक और अनुचित प्रयोग, ओटीसी दवा की उपलब्धता, अपर्याप्त डायग्नोस्टिक निगरानी और फार्मास्युटिकल कचरे से जल स्रोतों का प्रदूषण। इसके चलते मरीजों को लंबी अस्पताल भर्ती, उपचार की बढ़ती लागत और अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ का सामना करना पड़ सकता है।
मुख्य सत्रों में डायग्नोस्टिक और एंटीमाइक्रोबियल निगरानी, नए थेरेप्यूटिक्स के नवाचार, पर्यावरण व कृषि के एएमआर पहलू, लैब नेटवर्क सुदृढ़ीकरण और नीति व क्रॉस-बॉर्डर सहयोग पर चर्चा की गई। डिजिटल हेल्थ और संक्रमण रोकने की तकनीकियों का भी प्रदर्शन हुआ।
अस्पताल के डॉ. संजीव सिंह ने कहा कि सहयोग और अंतर्राष्ट्रीय तालमेल के बिना एएमआर से निपटना संभव नहीं है। प्रो. एलिसन होम्स और डेविड प्राइस ने वैश्विक सहयोग और नवाचार पर जोर देते हुए भारत के प्रयासों की सराहना की।
