वायु प्रदूषण रोकने के लिए नगर निगम ने कमर कसी
मेयर ने दिये निर्देश- सख्ती से लागू होंगी ग्रेप-2 की पाबंदियां
जिले में वायु प्रदूषण दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 220 पार कर ‘खराब श्रेणी’ में बना हुआ है। वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से रोकने के लिए नगर निगम ने कमर कस ली है और एहतियात के तौर पर कदम उठाने की तैयारी कर ली है। सड़कों पर पानी का छिड़काव, पेड़ों पर जमे धूल कणों को उतारने के लिए पानी की बौछार करने, निर्माण कार्यों पर निगरानी के लिए कनिष्ठ अभियंताओं की ड्यूटी लगाई गई है। मेयर राजीव जैन ने शुक्रवार को निगम आयुक्त के कार्यालय में ग्रेप-2 की पाबंदियां लागू करने के लिए अधिकारियों की बैठक बुलाई और बढ़ते प्रदूषण को लेकर सख्त निर्देश जारी किए। मेयर ने कहा कि प्रदूषण पर नियंत्रण अब निगम की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रेप के दूसरे चरण की पाबंदियों को सख्ती से लागू किया जाए। अधिकारी ध्यान रखें कि सड़क पर प्रदूषण बढ़ाने के लिए कोई भी गतिविधि हो रही हो तो उसे रोकने का काम करें। निर्माण कार्यों व सड़कों पर पड़े मिट्टी व रेत के ढेर को ढकना सुनिश्चित करवाएं। सेनेटरी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोई भी सफ़ाई कर्मचारी कूड़े को जलाने का प्रयास न करें। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मेयर राजीव जैन ने कहा कि हर अधिकारी और कर्मचारी को जिम्मेदारी दी गई है कि वे अपने क्षेत्र में धूल, मलबा और कचरा जलाने की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई करें। हमारा लक्ष्य है कि आने वाले दिनों में एक्यूआई स्तर में स्पष्ट सुधार नजर आए। साथ ही औद्योगिक इकाइयों, ठेकेदारों और निर्माण कार्यों से जुड़े लोगों को भी निर्देश जारी किए हैं कि वे वायु प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम के नियमों का पालन करें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में नगर निगम आयुक्त हर्षित कुमार, सह आयुक्त अनिल दून, कार्यकारी अभियंता विशाल गर्ग, पदम् भूषण, अजय निराला एवं सफाई निरीक्षक साहब सिंह, सतेंद्र दहिया समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। नगर निगम आयुक्त हर्षित कुमार ने बताया कि नियमों की पालना के लिए निगरानी टीमें गठित की जाएंगी।

