फरीदाबाद में शनिवार की रात संगीत की लहरों पर थिरक उठी जब फरीदाबाद साहित्यिक एवं सांस्कृतिक केंद्र (एफएलसीसी) ने जीवा पब्लिक स्कूल में ‘एक सुरीली शाम मुकेश के नाम’ का आयोजन किया। जैसे ही मुख्तार शाह ने पहला नगमा छेड़ा, पूरा सभागार सुरों और तालियों से गूंज उठा।‘जाने कहां गए वो दिन’, ‘इक दिन बिक जाएगा’, ‘जीना यहां मरना यहां’ और ‘डम डम डिगा डिगा’ जैसे सदाबहार गीतों की प्रस्तुति ने श्रोताओं को उस दौर में पहुंचा दिया, जब मुकेश की आवाज हर दिल की धड़कन थी। अनुजा सिन्हा संग गाए युगल गीत—‘एक प्यार का नगमा है’, ‘फूल तुम्हें भेजा है खत में’ और ‘सावन का महीना’ ने तो जैसे शाम को यादों की नदी में बहा दिया। दर्शक खुद को रोक न सके और कई जगह मुख्तार शाह संग सुर मिलाते दिखे।कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती वंदना और दीप प्रज्जवलन से हुई। इसके बाद मुकेश के जीवन और उनकी गायकी पर बनी छोटी डॉक्युमेंट्री ने सभी को भावुक कर दिया। संचालन कर रहे कवि दिनेश रघुवंशी ने मुकेश के गीतों से जुड़ी रोचक कहानियां सुनाकर समां और भी बांध दिया।इस सुरभरी शाम को खास बनाने के लिए एफएलसीसी प्रधान नवीन सूद और सांस्कृतिक सचिव विनोद मलिक ने मुख्तार शाह और अनुजा सिन्हा को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में पूर्व शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा, डॉ. रवि गुगनानी, उद्योगपति शम्मी कपूर और अजय जुनेजा सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।अंत में एफएलसीसी के वरिष्ठ उपप्रधान ऋषिपाल चौहान ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह शाम फरीदाबाद की सांस्कृतिक धरोहर में हमेशा गूंजती रहेगी।