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सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने की खेतों में भरे पानी की निकासी की मांग

कहा- सरकार स्पेशल गिरदावरी करवाए, किसानाें को मिले 59 हजार प्रति एकड़ मुआवजा
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा।
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सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने झज्जर जिले के अधिकांश गांवों में खेतों में भरे पानी की निकासी की मांग उठाई है। उनका कहना है कि जलभराव की वजह से किसानों की फसलें डूबी पड़ी हैं और किसानों को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। सांसद दीपेन्द्र के अनुसार झज्जर विस क्षेत्र के गाँव लडायन, जमालपुर, बिरहड़, मुंडाहेड़ा, तिलाहेड़ी, अकहड़ी, अमादल शाहपुर, भूदसा, आबोली, भूरावास, चानिया, ढाणी साल्हावास, कोंदहावली, ढाणा ढनीवास के खेतों में पिछले दिनों हुई बरसात की वजह से सैकड़ोंं एकड़ भूमि में जलभराव है। सरकार अविलंब खेतों में भरे पानी की निकासी की व्यवस्था करे। उन्होंने कहा कि खेतों में कई फुट पानी जमा होने के कारण सारी फसल नष्ट हो चुकी है।

50 हजार मिले मुआवजा

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दीपेन्द्र हुड्डा ने सरकार से मांग की कि तत्काल क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलकर स्पेशल गिरदावरी कराई जाए और किसानों को 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। बरसात के कारण जिनकी खड़ी फसल बर्बाद हुई है उनको डबल मुआवजा दिया जाए। साथ ही जो किसान फसल की बिजाई नहीं कर पाए उनको भी पूरा मुआवजा दिया जाए। वहीं बाढ़ प्रभावित रिहायशी इलाकों में क्षतिग्रस्त हुए घरों के लिये भी अलग से मुआवजा दिया जाए।

जनजीवन हो रहा प्रभावित

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने जलभराव के स्थाई समाधान की पुख्ता योजना बनाने पर भी जोर दिया और कहा कि खेतों और आवासीय क्षेत्रों में जलनिकासी न होने से आम जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। जिन किसानों ने अभी खेत में फसल नहीं लगाई है उनको फसल लेट होने की चिंता सता रही है। प्रशासन को जलनिकासी के लिये सारे संसाधन लगाने चाहिए और जल्द से जल्द लोगों को इस समस्या से निजात दिलानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि हरियाणा के विभिन्न जिलों में बाढ़ से व्यापक नुकसान होने के बावजूद अब तक सरकार में बैठे लोगों ने कोई सुध नहीं ली। न तो पानी निकालने का कोई प्रबंध है और न ही कोई राहत या स्थाई समाधान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में अब तक कोई बिजली पॉइंट नहीं बने, मोटर और पाइपलाइन उपलब्ध नहीं कराई गई, ड्रेन की सफाई तक नहीं हुई। स्थाई समाधान की दिशा में ड्रेन या स्थायी पम्प हाउस भी नहीं बनाया गया। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि शहरी इलाकों में कॉलोनियों, बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर भी गंदा पानी जमा है।

 

 

 

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