अब पिंजरे के अंदर नहीं आते बंदर, रोका अभियान
बंदरों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए 13 से 22 नवंबर तक चलाये अभियान के दौरान 134 बंदर पकड़ने के बाद अब फिलहाल बंदर पकड़ने का अभियान कुछ समय के लिए रोक दिया है। शेष बंदर ‘स्याने’ हो गए हैं जो अब पिंजरे को देखते ही दूर भागने लगे हैं। बंदर पकड़ने का कार्य जयश्री राम कूप एलसी सोसायटी एजेंसी की ओर से किया जा रहा था। बता दें कि नगरपालिका प्रशासन कनीना की ओर से 400 बंदर पकडे जाने का टेंडर एजेंसी के नाम से छोड़ा गया था। वर्क आर्डर जारी होने के बाद 13 नवंबर से बंदर पकड़ने का अभियान चलाया गया। शुरू किया गया। जिसके चलते 13 नवंबर को 35 बंदर पकड़े गए। 15 नवंबर को 15 मेल, 25 फीमेल, 6 बच्चे पकडे गए। 17 नवंबर को 8 मेल, 22 फीमेल, 6 बच्चे सहित 36 बंदर, 19 को 7 मेल बंदर, 20 को 5 मेल बंदर, 21 को 3 व 22 को दो मेल बंदर सहित कुल 134 बंदर पकडे गए। टेंडर की शर्तों के मुताबिक रिजर्व फोरेस्ट एरिया में छोड़ा गया। अब बंदर पकड़ने के लिए एजेंसी कर्मचारी पिंजरा रखते हैं तो सैकड़ों बंदर फोरी कूदने लगे हैं। पिंजरा देखते ही दूर भागने लगे हैं। जिसे देखकर बंदर पकड़ने का कार्य कुछ समय के लिए रोक दिया गया है।
