मोदी की रेवाड़ी रैली ने बदला देश का नजरिया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर आयोजित ऐतिहासिक रेवाड़ी रैली को लेकर लोगों की यादें आज भी ताजा हैं। उनके जन्मदिन से दो दिन पूर्व 15 सितंबर, 2013 को रेवाड़ी में पूर्व सैनिक सम्मान रैली में लाखों लोगों को हुजूम उमड़ा था। शहर के हर गली-चौराहे और सडक़ों पर लोगों का हुजूम नगर के हूडा ग्राउंड की ओर दिखाई दे रहा था। सभी की आंखों में नरेन्द्र मोदी की एक झलक पाने की चमक दिख रही थी। युवाओं की दीवानगी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। यह रैली भारतीय राजनीति में निर्णायक साबित हुई और पूरे देश का नजरिया बदल कर रख लिया।
नरेन्द्र मोदी को आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा ने 13 सितंबर, 2013 को अपना प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया था। उनकी पहली रैली पूर्व सैनिक सम्मान रैली के रूप में यहां हुई। रेवाड़ी के इतिहास में इतनी बड़ी भीड़ किसी ने नहीं देखी। लोग एक चमत्कारी नेतृत्व की तलाश में थे और मोदी उस उम्मीद की किरण बनकर सामने आए। यह कोई सामान्य राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि देश की रक्षा करने वाले वीर सैनिकों को सम्मान देने का मंच था। मोदी ने इस मंच की सार्थकता को यह कहकर प्रमाणित किया कि-केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने पर पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक-वन पेंशन योजना लागू की जाएगी। उनके इस वादे से पंडाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा और उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने वादे को पूरा किया।
मोदी 11 वर्षों से देश के प्रधानमंत्री है, लेकिन उनका रेवाड़ी से जुड़ाव रहा है। जब भी वे अपने राजनीतिक जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का जिक्र करते हैं तो उनमें रेवाड़ी की रैली का उल्लेख करना नहीं भूलते। मोदी की इस रैली के समय रेवाड़ी भाजपा के जिलाध्यक्ष डाॅ. सतीश खोला थे, जो अब परिवार पहचान पत्र प्राधिकरण के प्रदेश समन्यवक हैं।
बातचीत में डाॅ. खोला ने कहा कि रैली के लिए रेवाड़ी को चुना जाना कोई संयोग नहीं था। इस क्षेत्र को सैनिकों व वीरों की खान कहा जाता है। हर परिवार किसी न किसी रूप में सेना से जुड़ा है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर कारगिल युद्ध तक रेवाड़ी सहित दक्षिणी हरियाणा के सपूतों ने देश रक्षा में प्राण गंवा कर वीरता के सबूत दिये हैं। इसलिये मोदी ने रेवाड़ी को रैली के लिए चुना था। डाॅ. खोला कहते हैं कि उनके लिए यह सौभाग्य रहा कि उस समय वे पार्टी के जिलाध्यक्ष थे, इसलिये रैली की तैयारियों की जिम्मेदारी भी उन पर थी। उस समय प्रदेशाध्यक्ष प्रो. रामबिलास शर्मा व प्रदेश प्रभारी जगदीश मुखी थे। बता दें कि मोदी की इस रैली के समय वर्तमान में केन्द्रीय राज्य मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह कांग्रेस की केन्द्र सरकार में मंत्री थे और भाजपा ज्वाइन नहीं की थी। उन्होंने फरवरी 2014 में भाजपा का दामन थामकर सभी को चौंका दिया था।