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सरकारी खरीद शुरू न होने से मंडियों में लगे बाजरा के ढेर, किसान परेशान

मंडी में बाजरे की सरकारी खरीद न होने से किसान परेशान हैं और उन्हें कम दाम पर खुले बाजार में बाजरा बेचना पड़ रहा है। इससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि अगली फसल...

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चरखी दादरी की अनाज मंडी में रविवार को खुले आसमान के नीचे लगी बाजरा की ढेरियां। -हप्र
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मंडी में बाजरे की सरकारी खरीद न होने से किसान परेशान हैं और उन्हें कम दाम पर खुले बाजार में बाजरा बेचना पड़ रहा है। इससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि अगली फसल की बुआई के लिए पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं। बाजरे की सरकारी खरीद शुरू न होने से मजबूरी में कम दाम पर खुले बाजार में बाजरा बेचना पड़ रहा है। ऐसे में हर बोरी पर लगभग 700 से 800 रुपये से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। साथ ही रबी फसलों की बिजाई के लिए उन्हें आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है।

रविवार को बाजरा लेकर मंडी में पहुंचे किसान दिनेश, विकास व राजबीर सिंह ने बताया कि एक तरफ से सरकार ने बाजरा पर भावांतर का रेट 625 से घटाकर 575 कर दिया। वहीं दूसरी ओर सरकारी खरीद नहीं होने से किसानों को दोहरी मार पड़ रही है। सरकार द्वारा प्रदेश में 22 सितंबर से खरीद शुरू करने के आदेश हो चुके थे लेकिन अब तक चरखी दादरी में बाजरे की खरीद शुरू नहीं हुई है।

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मंडी सचिव विजय कुमार ने बताया कि लगातार सैंपल भेजे जा रहे हैं। सैंपल फेल आने के कारण खरीद में देरी हो रही है। सैंपल पास होते ही खरीद शुरू कर दी जाएगी।

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