धान की कटाई को नहीं पहुंचे प्रवासी मजदूर, किसान परेशान
रबी फसलों में कटाई के लिए धान की फसलें आसपास के इलाकों में पक कर लगभग तैयार हैं लेकिन बिहार व उत्तर प्रदेश से धान की कटाई को हरियाणा में प्रवासी मजदूरों के न पहुंचने से किसान परेशान हैं। फिलहाल ज्यादातर 1509 किस्म की अगेती धान की कटाई ही हो सकी है जबकि बासमती व बौनी किस्म की धान फिलहाल खेतों में खड़ी है जो लगभग पक कर तैयार है।
किसानों से मिली जानकारी के अनुसार सप्ताह भर के भीतर धान की कटाई का सीजन पूरे यौवन पर होगा लेकिन इसके लिए प्रवासी मजदूरों के न पहुंचने से किसानों को दिक्कत हो रही है, क्योंकि स्थानीय मजदूरों ने धान की कटाई का काम कई वर्षों से लगभग बंद किया हुआ है। धान की रोपाई में कटाई का लगभग 70 से 80 प्रतिशत काम प्रवासी मजदूरों के भरोसे रहता है। मजदूरों की तलाश में अनेक किसान रेलवे के जींद जंक्शन व पानीपत जंक्शन के चक्कर काट रहे हैं। कई किसानों की तो जाखल जंक्शन तक भी नजर है।
किसानों का कहना है कि पंजाब प्रदेश में धान की कटाई अगेती हो जाती है। बहुत प्रवासी मजदूर पंजाब में धान की कटाई करने के बाद हरियाणा पहुंचते हैं जिन्हें रेलवे के जंक्शन पर ही किसान लपक लेते हैं और सीधे खेत में जाकर उतारते हैं। मुवाना के रमेश ने बताया कि वह तीन दिन से कभी जींद तो कभी पानीपत जंक्शन पर मजदूरों की तलाश में भटक रहा है लेकिन एक भी मजदूर नहीं मिला है। इस बार धान के सीजन में बिहार के प्रवासी मजदूरों के आने की उम्मीद काफी कम बताई जा रही है। इसका कारण बिहार में विधानसभा चुनाव को बताया गया है।