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मेवात में हंगामा : 2002 की मतदाता सूची से 102 नाम गायब

राजस्थान में ब्याही बेटियों को हो रही भारी परेशानी

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मेवात में हंगामा-राजस्थान में चुनाव आयोग के निर्देश पर चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीज अभियान ने हरियाणा के मेवात क्षेत्र के कई परिवारों को मुश्किल में डाल दिया है। राजस्थान में ब्याही बेटियों को अपनी मायके वाली वर्ष 2002 की मतदाता सूची प्रस्तुत करनी पड़ रही है, लेकिन नूंह जिले के सुबासेड़ी गांव में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां 2002 की मतदाता सूची के दो पेज—16 और 17—पूरी तरह गायब हैं, जिन पर दर्ज 102 मतदाताओं के नाम सूची में मौजूद ही नहीं हैं।

महिलाओं को हो रही दिक्कत

ग्रामवासियों के अनुसार विधानसभा क्षेत्र-78 तावड़ू, लोकसभा-फरीदाबाद की मूल सूची में कुल 21 पृष्ठ होने चाहिए थे, लेकिन ऑनलाइन उपलब्ध पीडीएफ में दो महत्वपूर्ण पेज नहीं हैं। गायब नामों में हिंदू और मुस्लिम—दोनों समुदायों के परिवार शामिल हैं। इससे राजस्थान में रहने वाली इन परिवारों की बेटियों को वैध नागरिकता प्रमाण साबित करने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

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पीड़ित अली मोहम्मद ने बताया कि उनकी छह बेटियां राजस्थान के विभिन्न गांवों में ब्याही हैं और वहां दस्तावेज़ जांच के दौरान 2002 की वोटर लिस्ट मांगी जा रही है, जिसमें उनका नाम ही नहीं मिल रहा। सुनीता देवी की बेटी को भी किशनगढ़ बास में इसी समस्या से गुजरना पड़ा। कई परिवारों के पास पुराने मतदाता पहचान पत्र मौजूद हैं, फिर भी सूची में नाम न होने से उनकी परेशानी बढ़ गई है।

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गांव के सरपंच कुलदीप ने 28 नवंबर को तावड़ू एसडीएम को शिकायत देकर गायब पृष्ठों को तत्काल सूची में जोड़ने की मांग की है। सरपंच का कहना है कि 2002 में तावड़ू क्षेत्र फरीदाबाद लोकसभा में था, जबकि अब गुरुग्राम में है, जिसके कारण लोग दोनों चुनाव कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं।

तावड़ू एसडीएम जितेंद्र गर्ग ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है और संबंधित अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। मेवात क्षेत्र के लोग कहते हैं कि दोनों राज्यों के प्रशासन को समन्वय कर इस जैसी समस्याओं का स्थायी समाधान निकालना चाहिए।

फिलहाल सुबासेड़ी गांव के 102 परिवार और उनकी राजस्थान में ब्याही बेटियां इस उम्मीद में हैं कि जल्द ही 23 साल पुरानी मतदाता सूची के गायब पेज मिल जाएंगे और उनकी परेशानियाँ खत्म होंगी।

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