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जीएसटी 2.0 पर बैठक, उद्यमियों ने दिए सुझाव

शहर के गणपति धाम स्थित कन्फेडरेशन ऑफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज (कोबी) के कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जीएसटी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और कोबी सदस्यों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य जीएसटी 2.0 के तहत...
बैठक में उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए जी.एस.टी. अधिकारी। -निस
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शहर के गणपति धाम स्थित कन्फेडरेशन ऑफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज (कोबी) के कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जीएसटी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और कोबी सदस्यों ने भाग लिया।

बैठक का मुख्य उद्देश्य जीएसटी 2.0 के तहत किए गए सुधारों पर उद्योग जगत की प्रतिक्रिया सांझा करना और कुछ व्यावहारिक

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सुझाव प्रस्तुत करना था। बैठक में ट्रैक्टर पार्ट्स, पैकेजिंग और सैनिटरी पैड्स पर कर दरों में बदलाव की मांग प्रमुख थी।

बैठक में जीएसटी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों अनूप कुमार वर्मा (एडिशनल कमिश्नर, सीजीएसटी), सत्यपाल मलिक (असिस्टेंट कमिश्नर, सीजीएसटी), अमरजीत (सुपरिंटेंडेंट, सीजीएसटी), आशीष कुमार (सुपरिंटेंडेंट, सीजीएसटी) और भरत मीना (सुपरिंटेंडेंट, सीजीएसटी) ने भाग लिया।

कोबी की ओर से अध्यक्ष प्रवीण गर्ग, महासचिव प्रदीप कौल, संयुक्त सचिव सुरेंद्र वशिष्ठ, कोषाध्यक्ष अशोक कुमार मित्तल के अलावा कार्यकारिणी सदस्य पुरषोत्तम गोयल, दीपक शर्मा, तिलक राज गर्ग, विकास गुप्ता, श्याम सुंदर चमरिया, अनिल गोयल, नकुल मलकानी, ए.आर.शर्मा, महेश वशिष्ठ, संदीप वशिष्ठ, के. तिवारी, जयभगवान, सुनील कुमार, पंकज वशिष्ठ, संदीप जैन, दिनेश पांडे, राजीव सिंघल, यशवीर नारा, अभिजीत, रोबिन मित्तल सतीश मित्तल, सी.ए. भावना गर्ग ने भाग लिया।

प्रवीण गर्ग ने जीएसटी में बदलाव पर पीएम नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यदि उद्योग प्रगति करेंगे तो रोजगार और राजस्व बढ़ेगा तथा देश जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा। कोबी के कोषाध्यक्ष अशोक कुमार मित्तल ने उद्योगों, व्यापारियों और करदाताओं की ओर से एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि जीएसटी सुधार से कर प्रणाली सरल हुई है। विवादों में कमी आई है और ईज आफ डूइंग बिजनेस की दिशा में ठोस प्रगति हुई है।

उद्यमियों ने रखे अहम व्यावहारिक सुझाव

अशोक कुमार मित्तल ने अधिकारियों के समक्ष कुछ सुझाव भी प्रस्तुत किए, जिनमें ट्रैक्टर पार्ट्स, पैकेजिंग और सैनिटरी पैड्स पर कर दरों में बदलाव की मांग प्रमुख थी। उन्होंने ट्रैक्टर पार्ट्स को 18% स्लैब में रखने की मांग की, ताकि एमएसएमई निर्माताओं को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की दिक्कत और कार्यशील पूंजी पर दबाव से राहत मिल सके। इसी तरह उन्होंने पैकेजिंग एवं कोरोगेटेड बॉक्स क्षेत्र को समान 5% स्लैब में शामिल करने का आग्रह किया, जिससे छोटे पैकेजिंग उद्योगों को राहत मिलेगी और लाखों नौकरियों की सुरक्षा होगी। एक अन्य महत्वपूर्ण सुझाव सैनिटरी पैड्स से जुड़ा था। बैठक में एडिशनल कमिश्नर​​​​​​​ अनूप कुमार वर्मा ने उद्योगों के सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना और उन्हें उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उद्योगों को सहयोग करने के लिए वे और उनकी टीम हमेशा तत्पर हैं।

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