मेयर फर्जी सर्टिफिकेट मामला : कोर्ट में बहस पूरी, आज आएगा फैसला
गुरुग्राम की मेयर राजरानी मल्होत्रा पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव लड़ने के आरोप मामले में वीरवार को कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई। मामले की सुनवाई न्यायाधीश मनीष कुमार की कोर्ट में हुई, जिसमें वादी...
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गुरुग्राम की मेयर राजरानी मल्होत्रा पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाकर चुनाव लड़ने के आरोप मामले में वीरवार को कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई। मामले की सुनवाई न्यायाधीश मनीष कुमार की कोर्ट में हुई, जिसमें वादी और प्रतिवादी पक्ष ने अपने-अपने तर्क रखे। कोर्ट ने बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है, जो आज शुक्रवार को सुनाया जा सकता है।वादी पक्ष का आरोप है कि मेयर राजरानी ने जानबूझकर गलत दस्तावेजों के आधार पर पिछड़ा वर्ग (ओबीसी-ए) का जाति प्रमाण पत्र बनवाया और मेयर पद का चुनाव लड़ा। शिकायतकर्ता पक्ष ने कहा कि बार-बार कोर्ट द्वारा साक्ष्य दिखाने को कहा गया, लेकिन आरोपी पक्ष मामले को बंद करने की मांग करता रहा।
इस पूरे मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी संज्ञान लेते हुए गुरुग्राम की उपायुक्त को आदेश दिया है कि वे 30 दिनों के भीतर मामले की जांच करें। इसके साथ ही वादी पक्ष को हरियाणा सरकार की स्टेट कमेटी के समक्ष अपना पक्ष रखने को कहा गया है। वादी यशपाल प्रजापति ने कहा कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे ओबीसी समाज के साथ धोखा है।
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उन्होंने आरोप लगाया कि इस फर्जीवाड़े से ओबीसी वर्ग के हक पर डाका डाला गया है और पूरे हरियाणा में इसको लेकर आक्रोश है। अब पूरे गुरुग्राम समेत हरियाणा की नजरें कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई हैं। उन्होंने कहा कि समाज के लोगों को न्यायालय से उम्मीद है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और सामाजिक न्याय की रक्षा की जाएगी।
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