Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

मेवात के मुस्लिमों पर नहीं चला मनोहर, इंद्रजीत का इमोशनल कार्ड

गुरुग्राम, 4 जून (हप्र) मेवात के मतदाताओं पर चुनाव प्रचार के दौरान स्टार प्रचारक पूर्व सीएम मनोहर लाल व भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह ने इमोशनल कार्ड जरूर चला, लेकिन उसका जादू नहीं चल पाया। मेवात से बड़ी संख्या में...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

गुरुग्राम, 4 जून (हप्र)

मेवात के मतदाताओं पर चुनाव प्रचार के दौरान स्टार प्रचारक पूर्व सीएम मनोहर लाल व भाजपा प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह ने इमोशनल कार्ड जरूर चला, लेकिन उसका जादू नहीं चल पाया। मेवात से बड़ी संख्या में वोट इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को मिले हैं।

Advertisement

संकल्प रैली में मुसलमानों को भाजपा द्वारा दी जा रही सुविधाओं समेत अन्य तरीके से लुभाने का प्रयास किया गया था। मेवात के मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह की उम्मीदों पर पानी फेरा है। चुनाव प्रचार के दौरान फिरोजपुर झिरका में जनसभा में राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि पहली बार 2009 में वोट मांगने आया था, जब 80 हजार वोटों से जीत हुई थी। दूसरी बार भी भाजपा ने उन्हें 2014 में टिकट देकर चुनाव लड़वाया।

तब ढाई लाख वोटों से वे जीते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में यह जीत बढ़कर पौने चार लाख वोटों से हुई थी। राव इंद्रजीत ने कहा कि तीनों बार ही मेवात ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेरा है। मेवात ने सदा कांग्रेस का प्रभावी रूप से साथ दिया है। फिर भले चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े हों या कैप्टन अजय यादव। अब राज बब्बर को भी मेवात के मतदाताओं ने आंखों पर बिठाया है। मेवात का मतदाता भाजपा के साथ नहीं जाता, यह जगजाहिर है। इस बार के चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल व प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह ने मेवात में मतदाताओं के समक्ष हर जोर आजमाइश करके मतदान की अपील की थी, लेकिन वे मेवात के मुस्लिम मतदाताओं का दिल नहीं जीत पाए। चुनाव रैली में फिरोजपुरझिरका में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तो यहां तक कह दिया कि मैं मेवाती हूं, मेवाती रहूंगा और मेवाती था। हालांकि अप्रैल में जब सांप्रदायिक दंगे हुए तब मनोहर लाल मुख्यमंत्री थे और अधिकारी छुट्टी पर थे। बड़ी मुश्किल से स्थिति संभली।

सरकार की जमकर आलोचना हुई और अल्पसंख्यक हिंदुओं को भारी नुकसान झेलना पड़ा।

सांप्रदायिक दंगों के दौरान केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह ने एक ऐसा बयान दिया था जो मेवातियों के पक्ष में था, लेकिन वह भी कोई काम नहीं आया। यह बात कही जा रही है कि राव के प्रति मेवात में कुछ सहानुभूति थी, इसलिए मेवात ने कांग्रेस के पक्ष में कम मतदान किया।

Advertisement
×