सफीदों, 13 जुलाई (निस)
ग्रामीण इलाकों में लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की योजना के तहत जनस्वास्थ्य विभाग के अमले ने 7 वर्ष पूर्व सफीदों उपमंडल के गांव मलार में एक गहरा नलकूप लगाया था। विभाग से बताया गया कि इस तरह के गहरे नलकूप करीब 1200 फुट की गहराई पर लगाए गए थे। मलार गांव में लगाए गए नलकूप की गहराई कितनी थी इसकी पुष्टि विभाग में कोई नहीं करता क्योंकि यह नलकूप जनस्वास्थ्य विभाग के मैकेनिक विंग ने लगाया था जिसका रिकॉर्ड जन स्वास्थ्य उपमंडल या मंडल में उपलब्ध नहीं बताया गया है।
मलार गांव के लोग सोनीपत के वर्तमान सांसद रमेश कौशिक के सामने कई वर्ष तक इसका दुखड़ा रोते रहे लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। ग्रामीणों ने बताया कि नलकूप जरूर लगा है लेकिन इसकी गहराई कितनी है यह उन्होंने नहीं देखा। उनका जानना है कि करीब 7 वर्ष पूर्व कई लोग आए थे जो नलकूप की पाइपें दबाकर चले गए थे और फिर इसे चालू करने कोई गांव में नहीं आया।
विभागीय सूत्रों ने बताया कि भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार में जिला जींद में दर्जन भर ऐसे गहरे नलकूप लगाए गए थे जिनका भुगतान करीब 24 लाख रुपए प्रति नलकूप संबंधित ठेकेदार को कर दिया गया लेकिन लोगों को पानी आज तक नहीं मिला।
गांव के सरपंच प्रमोद कुमार मदान का आरोप है कि पेयजल परियोजना के नाम पर यह राशि एक तरह से हड़प कर ली गई है और उनके गांव में पेयजल की व्यवस्था में सुधार करने की दिशा में विभागीय अमला सुस्त है।