नशा, साइबर अपराध रोकने में सहयोग करें मदरसों, मस्जिदों के धर्मगुरु
जिले को पिछड़ेपन से बाहर निकालकर विकास की राह पर अग्रसर करने के लिए आपसी सौहार्द, भाईचारा और सामुदायिक सहयोग अत्यंत आवश्यक है। यह बात उपायुक्त अखिल पिलानी ने मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित मीटिंग रूम में आयोजित जिले के सभी मदरसों व मस्जिदों के मुस्लिम धर्मगुरुओं की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन शिक्षा, कौशल विकास और जनहित से जुड़ी सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है, लेकिन इस अभियान की सफलता में समाज के गणमान्य लोगों और धर्मगुरुओं की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है।
उपायुक्त ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से स्कूलों में बच्चों का ड्रॉपआउट रोकने, युवाओं को नशे से बचाने और गांवों में साइबर अपराध जैसी बुराइयों को फैलने से रोकने में सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि सरकारी स्तर पर मेडिकल व इंजीनियरिंग जैसे प्रोफेशनल कोर्सों की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग शुरू की गई है, जिसका लाभ अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंचाया जाना चाहिए। उन्होंने समाज में आपसी भाईचारे को मजबूत करने पर भी विशेष जोर दिया।
वहीं बैठक में उपस्थित पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि मदरसों और मस्जिदों में बाहर से आने व ठहरने वाले लोगों का पूरा रिकॉर्ड रखना जरूरी है, साथ ही उनका पुलिस सत्यापन करवाया जाना सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी धार्मिक स्थलों के प्रवेश द्वारों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की अपील की। एसपी ने बताया कि नशे की पकड़ में आ चुके युवाओं का इलाज सिविल अस्पताल और राजकीय मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में निशुल्क उपलब्ध है।
