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भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र को उसकी जिम्मेदारियों का करवाया एहसास

अग्रसेन धाम में सात दिवसीय गोवर्धन पूजा महोत्सव संपन्न
सोनीपत के कुंडली में बुधवार को सात दिवसीय गोवर्धन महोत्सव के समापन अवसर पर मौजूद कथा वाचक साध्वी समाहिता व अन्य श्रद्धालु। -हप्र
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कुंडली स्थित श्री अग्रसेन धाम, में सात दिवसीय भगवान गोवर्धन पूजा बुधवार को संपन्न हुई। इस पूजा का प्रयोजन उन सात दिनों का ध्यान करना है, जब भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र के कोप से ब्रजवासियों की रक्षा की थी। गोवर्धन महाराज को साक्षात श्रीकृष्ण का रूप माना जाता है। सात दिनों तक उन्हें आठ-आठ व्यंजनों का भोग लगाया गया। सात दिनों की गणना करने पर यही भोग आज के दौर में छप्पन भोग के नाम से प्रचलित है। पूजन महोत्सव की समाप्ति के दिन कथा प्रवाहक साध्वी समाहिता विशेष रूप से कार्यक्रम में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि सही मायने में सफल व्यक्ति वह है जो अपनी सफलता के साथ अन्य लोगों को भी सफल बनाने में सक्षम हो। भगवान गोवर्धन की पूजा हम सभी को यही सीख प्रदान करती है कि विशाल पर्वत होते हुए भी उन्होंने लोगों की रक्षा के लिए अपने आप को इतना सरल बना लिया कि स्वयं भगवान की सबसे छोटी अंगुली पर विराजमान होकर गोकुल व बरसाना वासियों व हजारों गोवंश के साथ अन्य पशुओं की रक्षा की। इतना ही नहीं इंद्र के घमंड को चकनाचूर करते हुए उन्हें आम जनमानस की रक्षा-सुरक्षा व पालना के लिए अपनी जिम्मेदारियां का अहसास करवाया। कार्यक्रम में भगवान गोवर्धन श्री बांके बिहारी की महिमा के साथ श्री बालाजी हनुमान के 501 चालीसा पाठ का भी बखान किया गया। आयोजन में अरुणाचल प्रदेश की आईपीएस श्रुति सिंघल को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में संस्था के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल गोयल, राजेश गोयल, दीपक मंगला सहित अन्य मौजूद रहे।

 

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