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लाखों का पैकेज छोड़ मशरूम की खेती से कमाया मोटा मुनाफा

गांव मिर्च निवासी प्रगतिशील किसान प्रवीन सांगवान दूसरे किसानों के लिए बने प्रेरणा स्त्रोत
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चरखी दादरी के गांव मिर्च में युवा प्रगतिशील किसान प्रवीन सांगवान अपनी मशरूम की खेती दिखाते हुए। -हप्र
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प्रदीप साहू/हप्र

चरखी दादरी, 26 मार्च

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कहते हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। इंसान अगर पूरी शिद्दत से मेहनत करता है तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। चरखी दादरी जिले के गांव मिर्च निवासी प्रवीन सांगवान ने ऐसा ही कर दिखाया है। किसान ने लाखों के पैकेज वाली निजी स्कूल में शिक्षक की नौकरी छोड़ी और अब मशरूम की खेती शुरू कर मोटा मुनाफा कमा रहा है। दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने किसान प्रवीन का अगला टारगेट आर्गेनिग मशरूम पैदा कर इसके प्रोडेक्ट बनाकर एक्सपोर्ट करके करोड़ों का टर्नओवर करना है। साथ ही ये दूसरे किसानों को सरकार की सब्सिडी का लाभ लेकर आर्गेनिक खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। गांव मिर्च निवासी युवा प्रगतिशील किसान प्रवीन सांगवान ने बीएड व जेबीटी करके शिक्षा क्षेत्र में अपना नाम कमाया और उसके पढ़ाये सैकड़ों विद्यार्थी आज सरकारी नौकरी में अच्छे पदों पर भी हैं। कई बार एचटेट व सीटेट सहित अनेक प्रतियोगी परीक्षाएं पास करने के बाद भी सरकारी नौकरी नहीं की। अपना व्यवसाय शुरू करने की इच्छा के चलते प्रवीन सांगवान ने गुरुग्राम के निजी स्कूल में करीब 10 लाख रुपए का पैकेज छोड़कर मशरूम की खेती में अपनी किस्मत आजमाई जिसमें वो काफी हद तक सफल भी हुए। उन्होंने पहले करनाल के अनुसंधान केंद्र में ट्रेनिंग लेकर मशरूम की खेती के टिप्स लिये और बाद में अच्छा मुनाफा भी कमाया। प्रवीन न सिर्फ मशरूम के काम से सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं बल्कि, बेरोजगारों को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार से भी जोड़ रहे हैं। प्रवीन सांगवान का कहना है कि किसान परंपरागत खेती छोड़कर आर्गेनिक खेती करें तो लाखों रुपये कमा सकता है। किसान पुत्र का कहना है कि मशरूम की खेती के साथ-साथ वे मशरूम का अचार और सूप बनाकर बेचने से भी आय को बढ़ना चाहते हैं। अभी उन्होंने 30 बाय 60 के शैड में शुरूआत की। अब वह शैड की संख्या बढ़ाकर बड़े स्तर पर आर्गेनिक खेती करते हुए अपने माल को विदेशों में एक्सपोर्ट करके करोड़ों का टर्नओवर करना चाहता है।

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