750 एकड़ में बन रहे मातृ वन का शिलान्यास
अरावली की पहाड़ियों में अब एक अलग ही जंगल तैयार हो रहा है और जिसे नाम दिया है ‘मातृ वन’। इस जंगल की सबसे खास बात यह है कि यहां हर पेड़ किसी मां के नाम लगाया जाएगा। पेड़ लगाकर लोग अपनी मां के प्रति प्यार और सम्मान जाहिर कर सकेंगे। शनिवार को ‘मातृ वन’ की शुरुआत केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने की। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में मां और पेड़ दोनों बहुत जरूरी हैं। दोनों हमें बिना कुछ मांगे बहुत कुछ देते हैं। इसलिए अगर हम मां के नाम एक पेड़ लगाएं तो इससे बेहतर श्रद्धांजलि कुछ नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि विकास के लिए प्रगति के साथ-साथ प्रकृति का जुड़ाव बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि मातृ वन 750 एकड़ में बनाया जा रहा है। यहां नीम, पीपल, बरगद, आंवला, बेल, अर्जुन और चंदन जैसे सिर्फ देसी पेड़-पौधे ही लगाए जाएंगे और ये सभी पेड़ भारतीय संस्कृति और आयुर्वेद में खास महत्व रखते हैं। कार्यक्रम में विधायक, स्कूल के बच्चे, सामाजिक संगठन, उद्योगपति और बड़ी संख्या में आम लोग शामिल हुए। बहुत-सी महिलाओं ने अपने बच्चों के साथ मिलकर पौधे लगाए और उन्हें अपनी मां के नाम समर्पित किया। इस अवसर पर पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह सिर्फ पेड़, पौधे लगाने की योजना नहीं है बल्कि भावनात्मक और सामाजिक अभियान है। हम पेड़ को मां की तरह देख रहे हैं और हर नागरिक से अपील है कि वह इस अभियान में हिस्सा ले। प्रदेश के वन, पर्यावरण एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि हम सौभाग्यशाली है कि दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला हरियाणा से होकर गुजरती है। इस पर्वत श्रृंखला में काबुली कीकर बहुतायत संख्या में होने के कारण पर्यावरण को उतना लाभ नही मिल पाता। ऐसे में बनने वाले इस मातृ वन में स्थानीय प्रजाति के पौधों के रोपण को प्राथमिकता दी जाएगी। यह हम सभी का सांझा प्रयास है। जिससे आने वाले 10 वर्षों में सार्थक परिणाम देखने को मिलेंगे।