नारनौल में वकीलों का पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन, सुरक्षा की मांग
सोमवार को वकीलों ने पुलिस प्रशासन व एसपी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। जिला बार एसोसिएशन के आह्वान पर वकीलों ने ज्यूडिशियल कॉम्प्लेक्स से लघु सचिवालय तक रोष मार्च निकाला और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए डीसी कैप्टन मनोज कुमार को ज्ञापन सौंपा। वकीलों ने ज्ञापन में पुलिस प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए अपनी सुरक्षा की मांग की है। बार एसोसिएशन के प्रधान संतोख सिंह ने बताया कि बीते छह महीनों में वकीलों के साथ तीन बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा किसी भी मामले में अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे वकीलों में भारी रोष है।
वकीलों के साथ हुई घटनाएं जिनसे भड़का विरोध
पहला मामला सीनियर वकील व पूर्व सैनिक शादीराम के साथ 24 अप्रैल को उस समय लूटपाट और मारपीट की गई, जब वे स्कूटी पर सवार होकर जा रहे थे। बाइक सवार युवकों ने उनकी स्कूटी रोक कर मारपीट की और उनसे सामान छीन लिया। इस मामले में शादीराम एसपी से पांच-छह बार मिल चुके हैं और बार एसोसिएशन भी धरना दे चुकी है, लेकिन अभी तक आरोपियों की पहचान तक नहीं हो सकी है।
दूसरा मामला 9 सितंबर को एसडीएम कोर्ट में वकील दिनेश यादव के साथ मारपीट की गई। जब वे केस संबंधी जानकारी लेने रीडर से बात कर रहे थे, तभी पीछे से किसी व्यक्ति ने आपत्तिजनक टिप्पणी की और विरोध करने पर मारपीट की गई। पुलिस चौकी में शिकायत देने के बावजूद अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
तीसरा मामला में कोर्ट मोड़ पर पीएनबी बैंक के सामने वकील प्रवीण खंडेलवाल के साथ सडक़ हादसा हुआ। इस मामले में भी पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
बार प्रधान संतोख सिंह ने बताया कि पुलिस की निष्क्रियता के विरोध में वकीलों ने आज जिला अदालतों में कार्य बहिष्कार रखा और कल से राजस्व अदालतों का भी बहिष्कार किया जाएगा। वकीलों ने यह भी निर्णय लिया है कि वे अब पुलिस अधिकारियों के साथ किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं करेंगे। प्रदर्शन में ओमप्रकाश यादव, हेमंत भारद्वाज, पूर्व प्रधान जसवंत यादव, मनीष वशिष्ठ, पूर्व प्रधान मंजीत यादव, सजीत मांदी, चरण सिंह भोजावास, सुभाष यादव, भालेंद्र यादव ने हिस्सा लिया।